चंडीगढ़: कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के लगभग एक लाख वकीलों को आर्थिक सहायता देने की मांग को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.
शुक्रवार को हाईकोर्ट के जस्टिस आरके जैन और जस्टिस जसवंत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि यह जनहित याचिका दायर करने का उसका क्या अधिकार है. कोर्ट ने यह भी पूछा कि किस आधार और नियम के तहत याची वकीलों और मुंशी के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहा है.
देखिए चंडीगढ़ से संवाददाता पूजा की रिपोर्ट. कोर्ट नहीं हुआ याची के दलीलों से संतुष्ट
कोर्ट से सवाल पर याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याची वकील है, जिस पर बेंच ने कहा कि फिर तो यह जनहित याचिका ना होकर खुद के हित की याचिका है. याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि बार काउंसिल के नियमों में ऐसी स्थिति में आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है.
कोर्ट ने याचिका वापस लेने की दी छूट
इस नियम के बारे में बैंच ने बार काउंसिल के नियम की जानकारी मांगी, लेकिन याचिका कर्ता का वकील कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाया. इसी के साथ हाईकोर्ट ने याचिका को वापस लेने की छूट देते हुए याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने याची को कहा कि वह बेहतर तथ्यों के साथ नए सिरे से याचिका दायर करें. बता दें कि चंडीगढ़ में रहने वाले वकील शौकीन सिंह वर्मा ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि वर्तमान हालात को देखते हुए वकीलों को 50000 वकीलों को 10000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए.
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