पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव चंडीगढ़:पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में करवाए जा रहे स्टूडेंट इलेक्शन की वोटिंग प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. नतीजा 6 से 7 बजे शाम को आने के आसार हैं. काउंटिंग के लिए मतदान पेटियां को स्पोर्ट्स स्टेडियम में रखा गया है. इस बार कुल 131 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, इनमें से 21 पंजाब यूनिवर्सिटी और 110 उम्मीदवार अन्य कॉलेज से चुनावी मैदान में खड़े हैं. पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन (punjab university chandigarh) के लिए सुबह 9:30 बजे से हो गई थी. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यानी मंगलवार 5 सितंबर 2023 को को सभी छात्र संगठनों ने जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया.
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम:पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है. वहीं, चंडीगढ़ पुलिस द्वारा भी जगह-जगह नाकाबंदी की गई है. पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन को लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. यूनिवर्सिटी कैंपस में करीब 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर है. यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य कॉलेजों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग जारी. ये भी पढ़ें:PU Student Union Election: PU छात्र संघ चुनाव में राजनीतिक दल के नेताओं की नो एंट्री, धारा 144 लागू, 6 सितंबर को है इलेक्शन
उपाध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवार: पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में उपाध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें डेंटल छात्रा रणमिकजोत कौर सत्या की ओर से चुनाव लड़ रही हैं. यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के छात्र अनुराग वर्धन इनसो की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्र गौरव चौहान आईएसए की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. गौरव काशिव हिमास से चुनाव लड़ रहे हैं.
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनावमें 59 फीसदी मतदान: पंजाब यूनिवर्सिटी में अगर चुनावी प्रक्रिया की बात की डाए तो इस बार सिर्फ 50 फीसदी ही मतदान देखा गया है. इस बार छात्र संघ चुनाव में पंजाब यूनिवर्सिटी के कुल 15,693 छात्र मतदान करने वाले थे. चुनाव को लेकर अलग-अलग विभागों में कुल 179 मतदान केंद्र बनाए गए थे, लेकिन छुट्टियों और आपसी गुट बंदी के चलते कुछ छात्रों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. एसएमएस सूत्रों की मानें तो सिर्फ 50% छात्रों ने ही मतदान में हिस्सा लिया.
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