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लॉकडाउन से आप हो रहे मानसिक तनाव के शिकार? मनोचिकित्सक से जानिए सुझाव

लॉकडाउन की वजह से लोगों में तनाव बढ़ रहा है. जिसकी वजह से वो ज्यादा गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस कर रहे हैं. आखिर लॉकडाउन क्यों तनाव बढ़ा रहा है और इसे कैसे कम किया जा सकता है. जानिए इस रिपोर्ट में...

mental pressure during lockdown
लॉकडाउन से आप हो रहे मानसिक तनाव के शिकार? मनोचिकित्सक से जानिए सुझाव

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Published : Apr 3, 2020, 9:06 PM IST

Updated : May 12, 2020, 3:30 PM IST

चंडीगढ़: देश में पिछले 10 दिनों से लॉकडाउन जारी है. जिसका सीधा मतलब ये है कि पिछले 10 दिनों से लोग घरों में कैद हैं. वैसे तो ये लॉकडाउन लोगों की सेहत और सुरक्षा के लिए किया गया है, लेकिन ये लॉकडाउन लोगों में मानसिक तनाव को भी बढ़ा रहा है, जिसके कई कारण हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों में बढ़ रहे मानसिक तनाव पर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ की जानी-मानी मनोचिकित्सक डॉ. शीतल शर्मा से बात की.

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सवाल:क्या लॉकडाउन की वजह से लोगों में बढ़ रहा तनाव?

जवाब: डॉ. शीतल शर्मा ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि लगातार घरों में रहने के बाद लोगों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों को इस तरह से लगातार कई दिनों तक घरों में रहने की आदत नहीं है. उनकी दिनचर्या ऐसी कभी नहीं रही. लोग पहले सुबह ही अपने घरों से दफ्तर के लिए निकल जाया करते थे, लेकिन पिछले 10 दिनों से वो घरों में अपने आपको बंद महसूस कर रहे हैं. लॉक डाउन ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल दी है. बहुत से लोग इस दिनचर्या को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. जिस वजह से वो मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं.

सवाल:मानसिक तनाव बढ़ने के पीछे क्या हो सकते हैं कारण?

जवाब:डॉ. शीतल शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से लोगों को दफ्तर में काम घर से करना पड़ रहा है और जिन घरों में बच्चे हैं. वहां पर समस्या ज्यादा है, क्योंकि बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं. ऐसे में बच्चे घर में ही खेल कूद करते हैं. जिस वजह से बहुत से लोग अपना काम नहीं कर पाते, लेकिन उनके पास कोई और रास्ता भी नहीं है, इसलिए वो लोग भी तनाव का सामना कर रहे हैं.

इसके अलावा हम ऑफिस में बैठकर कितना काम कर सकते हैं, उतना काम घर बैठकर नहीं कर सकते. इस वजह से लोगों पर काम ज्यादा करने की भी प्रेशर है. जो उनके अंदर मानसिक तनाव को बढ़ा रहा है.

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इसके अलावा बहुत से ऐसे लोग हैं जो ऐसी कंपनियों में काम करते हैं. जिनमें सिर्फ रात को ही काम होता है. सामान्य दिनों में वो लोग रात को काम करते हैं और दिन में घर में आराम कर सकते हैं, क्योंकि दिन में बच्चे भी स्कूल चले जाते हैं. अब बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. इस वजह से रात को काम करने के बाद वो दिन में भी आराम नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उन लोगों का एक स्लीपिंग पैटर्न होता है और जब वो स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव आता है तो जाहिर तौर पर तनाव बढ़ता है.

सवाल:मानसिक तनाव कैसे किया जा सकता है कम ?

सुझाव 1: डॉ. शीतल शर्मा ने कहा कि तनाव को कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम सबसे पहले तनाव की वजह को ढूंढे. उन्होंने बताया कि हमें सबसे पहले ये देखना होगा कि इतना तनाव किस वजह से हो रहा है. क्या ज्यादा काम करने ऐसे हो रहा है? खाना बनाने की वजह से हो रहा है ? या बच्चों की वजह से हो रहा है ? इसके बारे में अपने परिवार वालों से बात करें. बात करने से तनाव कम होने में सहायता मिलेगी.

सुझाव 2:इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि जब आप काम कर रहे हैं तो उस वक्त आप अपने बच्चों को भी किसी काम में बीजी कर सकते हैं. ऐसा करने से बच्चे आपको तंग नहीं करेंगे और आपका काम जल्दी निपट जाएगा.

सुझाव 3: इसके अलावा बुजुर्गों को भी समय देने से तनाव कम हो सकता है. उनकी देखभाल को तनाव के तौर पर ना देखें, बल्कि जरूरत के हिसाब से उनकी देखभाल भी करें. घर के लोगों को अलग-अलग काम बांटे. घर का जो सदस्य काम करने का आदि ना हो उसे बहुत छोटे-छोटे काम दें, ताकि वो उन्हें आराम से कर पाए. इससे आपको काम कम करना पड़ेगा और आपको तनाव भी कम होगा.

Last Updated : May 12, 2020, 3:30 PM IST

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