चंडीगढ़: देश में पिछले 10 दिनों से लॉकडाउन जारी है. जिसका सीधा मतलब ये है कि पिछले 10 दिनों से लोग घरों में कैद हैं. वैसे तो ये लॉकडाउन लोगों की सेहत और सुरक्षा के लिए किया गया है, लेकिन ये लॉकडाउन लोगों में मानसिक तनाव को भी बढ़ा रहा है, जिसके कई कारण हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों में बढ़ रहे मानसिक तनाव पर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ की जानी-मानी मनोचिकित्सक डॉ. शीतल शर्मा से बात की.
सवाल:क्या लॉकडाउन की वजह से लोगों में बढ़ रहा तनाव?
जवाब: डॉ. शीतल शर्मा ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि लगातार घरों में रहने के बाद लोगों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों को इस तरह से लगातार कई दिनों तक घरों में रहने की आदत नहीं है. उनकी दिनचर्या ऐसी कभी नहीं रही. लोग पहले सुबह ही अपने घरों से दफ्तर के लिए निकल जाया करते थे, लेकिन पिछले 10 दिनों से वो घरों में अपने आपको बंद महसूस कर रहे हैं. लॉक डाउन ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल दी है. बहुत से लोग इस दिनचर्या को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. जिस वजह से वो मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं.
सवाल:मानसिक तनाव बढ़ने के पीछे क्या हो सकते हैं कारण?
जवाब:डॉ. शीतल शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से लोगों को दफ्तर में काम घर से करना पड़ रहा है और जिन घरों में बच्चे हैं. वहां पर समस्या ज्यादा है, क्योंकि बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं. ऐसे में बच्चे घर में ही खेल कूद करते हैं. जिस वजह से बहुत से लोग अपना काम नहीं कर पाते, लेकिन उनके पास कोई और रास्ता भी नहीं है, इसलिए वो लोग भी तनाव का सामना कर रहे हैं.
इसके अलावा हम ऑफिस में बैठकर कितना काम कर सकते हैं, उतना काम घर बैठकर नहीं कर सकते. इस वजह से लोगों पर काम ज्यादा करने की भी प्रेशर है. जो उनके अंदर मानसिक तनाव को बढ़ा रहा है.