चंडीगढ़:चंडीगढ़ में ईवी पॉलिसी के तहत एक जुलाई से पेट्रोल बाइक के रजिस्ट्रेशन पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी. पॉलिसी के तहत अब शहर में पेट्रोल डीजल के दोपहिया वाहन की बिक्री पर ब्रेक लग जाएगा. जिसके चलते चंडीगढ़ मेयर अनूप गुप्ता ने प्रशासन के अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है. मेयर ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी अगर ईवी नीति में संशोधन नहीं करते तो वो लोगों के साथ मिलकर चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन करेंगे और पेट्रोल-डीजल की बाकी गाड़ियों को भी चंडीगढ़ में नहीं घुसने देंगे. इस दौरान विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में आ रही समस्याओं को लेकर भी मेयर को ज्ञापन सौंपा. ईवी नीति और शेयर के मुताबिक संपत्तियों की खरीद व बिक्री समेत तमाम मुद्दों को लेकर मेयर से जवाब मांगा गया है.
Chandigarh EV Policy: चंडीगढ़ ईवी पॉलिसी के विरोध में उतरे मेयर, कहा- संशोधन नहीं हुआ तो बाहर की गाड़ियों को भी शहर में नहीं घुसने देंगे
चंडीगढ़ में ईवी पॉलिसी (Chandigarh EV Policy) जुलाई के पहले हफ्ते से लागू हो जाएगी. पॉलिसी के तहत पेट्रोल बाइकों की बिक्री चंडीगढ़ में पूरी तरह से बंद हो जाएगी. इस पॉलिसी से अब दो पहिया वाहनों के शोरूम मालिकों की भी धड़कने बढ़ी हुई हैं. चंडीगढ़ मेयर भी ईवी पॉलिसी का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं.
चंडीगढ़ मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि कुछ समय पहले सीवरेज सेस कम करने की भी बात कही गई थी, तो अधिकारी अन्य राज्यों से तुलना करने लगे थे. लेकिन जब इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई गई तो अन्य राज्यों को क्यों नहीं देखा गया. उन्होंने कहा कि प्रशासन को नीति में संशोधन करना चाहिए. केवल चंडीगढ़ में ही ईवी चलाने से क्या फायदा होगा. जब पड़ोसी राज्यों से लाखों की संख्या में गाड़िया चंडीगढ़ में आती हैं. दरअसल, चंडीगढ़ में लोगों की मांग है कि ईवी नीति के तहत नॉन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तय किए गए कोटे की व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए.
आपको बता दें कि चंडीगढ़ शहर के इस फैसले के खिलाफ 18 एसोसिएशन एक मंच पर आ गये हैं. इस दौरान एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ने के लिए एक सांझी फोरम का गठन करने का एलान किया गया है. सेक्टर 31 स्थित पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स भवन में मेयर अनूप गुप्ता की उपस्थिति में शहर की विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में फैसला किया गया. मीटिंग के दौरान विभिन्न संगठनों की ओर से गठित ज्वाइंट फोरम की ओर से इन मुद्दों को सुलझाने व स्पष्टीकरण देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया है. संगठनों का कहना है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो सड़क पर उतरने को मजबूर हो जायेंगे.
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