चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव ने सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा विजिलेंस विभाग (Haryana Vigilance Department) द्वारा दर्ज मामलों पर की जा रही कार्रवाई की विभागवार समीक्षा की. पिछले और इस महीने में विजिलेंस द्वारा कुल 389 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 216 मामलों में जांच पूरी की जा चुकी है. पूरी की गई जांच में से 47 जांचों में विभागीय कार्रवाई और 5 जांचों में आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है. 3 मामलों पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को भेजे गए हैं.
संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्रवाई की रिपोर्ट बनाते समय शिकायतों का स्रोत भी दर्ज किया जाए, ताकि सरकार के पास विस्तृत डाटा हो, कि अधिकतर शिकायतें किस स्रोत से आ रही हैं. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शिकायतों पर लिए गए एक्शन का समय –समय पर फॉलो-अप भी किया जाना चाहिए, ताकि अंतिम स्तर तक की गई कार्रवाई की भी सख्त निगरानी की जा सके.
128 मामलों में चार्जशीट दाखिल- बैठक में बताया कि 1 जनवरी, 2022 से 30 सितंबर, 2022 तक भ्रष्टाचार से संबंधित दर्ज मामलों में से 128 मामलों में चार्जशीट या चालान दाखिल किया जा चुका है. 258 मामलों में चार्जशीट/चालान दाखिल करना अभी लंबित है. इस पर संजीव कौशल ने निर्देश दिए कि लंबित मामलों में भी जल्द से जल्द चार्जशीट/चालान दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए.
मुख्य सतर्कता अधिकारी लगाने का प्रस्ताव तैयार- मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) लगाने का प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है. जल्द अंतिम मंजूरी मिलते ही इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा. चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी मौका दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीवीओ की नियुक्ति करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसलिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का डिवीजन लेवल तक विस्तार किया गया है. राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से ही प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं और उन पर उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है. हाई पॉवर कमेटी के गठन होने से अब इन गतिविधियों में और भी तेजी आ रही है.
बैठक में यह भी विषय रखा गया कि पंचकूला में स्थापित रीजनल एफएसएल लैब में वर्तमान में केमिस्ट्री और फिजिक्स डिवीजन नहीं है, जबकि अधिकतर सैंपल जो जांच के लिए भेजे जाते हैं, वो केमिस्ट्री और फिजिक्स से संबंधित होते हैं, इस कारण मामलों में आगामी कार्रवाई में भी कभी-कभी देरी हो जाती है. इसलिए इस लैब में केमिस्ट्री और फिजिक्स की अलग डिवीजन बनाने के लिए सीएफएसएल को प्रस्ताव भेजा जाएगा. बैठक में यह भी बताया गया कि हाल ही में सूरजकुंड में हुए गृह मंत्रियों के सम्मेलन में नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी, गुजरात से भी हरियाणा में एक कैंपस खोलने के संबंध में चर्चा की गई थी. यूनिवर्सिटी द्वारा पंचकूला में एक कैंपस खोलने पर सहमति बनी है.