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परिवारवाद से बच नहीं पाई बीजेपी, चौधरी बीरेन्द्र की पत्नी प्रेमलता को उचाना से फिर दिया टिकट - haryana bjp nepotism

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. दूसरे दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली बीजेपी ने भी परिवारवाद की राजनीति शुरू कर दी है. उन्होंने उचाना से मौजूदा विधायक प्रेमलता को एक और बार टिकट दे दिया है.

प्रेमलता

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Published : Sep 30, 2019, 5:27 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 6:05 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने अपनी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी में काफी समय से बातें चल रही थी कि किसी भी सांसद या मंत्री के परिजनों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दी जाएगी, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची आने के बाद ऐसा नहीं लगता.

बीजेपी ने एक बार फिर उचाना विधानसभा सीट से चौ. बीरेंद्र सिंह की पत्नी और बृजेंद्र सिंह की माता प्रेम लता को टिकट दे दी है. बता दें कि उचाना विधानसभा सीट बीरेंद्र सिंह का गढ़ माना जाता है. 2014 में भी बीजेपी ने प्रेमलता को उचाना से विधानसभा चुनाव लड़वाया था और उन्होंने 79, 674 वोट हासिल किए थे.

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा था ?
हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा था कि मौजूदा विधायकों को परिवार के आइने से देखना उनके साथ सही व्यवहार नहीं होगा. वो अगर पहले से विधायक हैं तो उनका आकलन उनके काम से होना चाहिए. ये समीक्षा हालांकि हम बिलकुल निष्पक्ष तरीके से करेंगे.

उन्होंने कहा था कि प्रेमलता हों या फिर कोई अन्य मौजूदा विधायक हो, अगर उनके परिवार का कोई व्यक्ति सांसद, विधायक, मेयर, जिलाध्यक्ष है तो उन्हें केवल इसलिए टिकट से वंचित नहीं किया जाएगा कि वो उस संबंधित व्यक्ति के परिवार से है. लेकिन कार्य के आधार पर उनके टिकट का निर्धारण होगा.

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बराला ने साफ किया था कि कोई भी सांसद, विधायक, मेयर या जिलाध्यक्ष अपने परिवार के लिए टिकट नहीं मांग सकता है. बराला ने कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने ये साफ कर दिया है कि नेताओं के परजिनों को टिकट नहीं दिया जाएगा.

2009 के विधानसभा चुनाव में उचाना कलां की सीट काफ हॉट थी क्योंकि, उस समय कांग्रेस के टिकट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह और आईएनएलडी के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जैसे सियासी दिग्गज आमने-सामने थे. तब आईएनएलडी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के साथ कड़े मुकाबले में बीरेंद्र सिंह महज 621 वोटों से हार गए थे.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 6:05 PM IST

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