हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

Pradosh Vrat February 2023: प्रदोष व्रत आज, इस मंत्र से मिलेगी भगवान भोलेनाथ की कृपा, जानें पूजा-विधि

फरवरी महीने का आज पहला प्रदोष व्रत है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना की जाती है. गुरुवार को प्रदोष व्रत आने के कारण इस व्रत को गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है.

Guru Pradosh Vrat 2023
Guru Pradosh Vrat 2023

By

Published : Feb 2, 2023, 11:20 AM IST

Pradosh Vrat 2023: प्रदोष का अर्थ होता है दिन का खत्म होना और रात्रि की शरुआत होना. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को यह समय बहुत पसंद है. इस समय वे सभी देवी -देवताओं के साथ कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं. हर महीने की तेरस को भगवान शिव का प्रदोष व्रत किया जाता है. इस बार प्रदोष व्रत आज यानी गुरुवार के दिन है. ये व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है.

महीने में दो बार प्रदोष व्रत:भोलेनाथ का ये व्रत महीने में 2 बार आता है. पहला कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में, इस व्रत को दोनों ही पक्षों में रखने फायदे होते हैं. इस व्रत को विधि पूर्वक रखने से भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहती है. इस व्रत को त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. प्रदोष व्रत का समापन 3 फरवरी को शाम 6 बजकर 58 मिनट पर होगा.

प्रदोष काल में होती पूजा-अर्चना:प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक होती हैं. इस समय को प्रदोष काल का समय कहा जाता है. प्रदोष व्रत के दिन शिव -गायत्री मंत्र भगवान शिव को समर्पित होते हैं. साथ ही ये मंत्र सबसे प्रभावी मंत्र है. इस मंत्र जाप आप प्रदोष व्रत के दिन जरुर करें आपको भोलेनाथ ही कृपा प्राप्त होगी. मंत्र है.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए:इस दिन शिव स्तुति और शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिए. इस दौरान शिव जी के मंत्रों का जाप भी किया जाए तो भोलेनाथ बेहद प्रसन्न हो जाते हैं. माना जाता है अगर आप भोलेनाथ की आराधना कर रहें है तो माला जपते समय सभी मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. जब भी आप मंत्र जपे तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो. साथ ही जाप करते समय शिवजी को बेल पत्र भी अर्पित करने चाहिए, तभी आपको भोलेनाथ की आराधना का सम्पूर्ण फल प्राप्त होगा.

नमक और अनाज नहीं खाना चाहिए:प्रदोष व्रत के शुभ दिन सुबह स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र अर्पित करें. उनको सफेद वस्तु का भोग लगाना चाहिए. उसके बाद शिव मंत्र " ऊं नम: शिवाय " का जप करें. रात में शिव जी के सामने घी का दीया जलाकर पूजा करना चाहिए. इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना सही होता है. इस दिन नमक और अनाज नहीं खाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Aaj Ka Panchang 2 Feburary: जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रह नक्षत्र की चाल, आज का दिन है शुभ फलदायक

100 जन्मों तक नहीं आती दरिद्रता:शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत रखने वाला व्यक्ति जन्म- जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है. उसे उतम लोक की प्राप्ति होती है, जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रखकर शिव आराधना करेगा, उस पर शिव कृ्पा होगी ऐसा माना जाता है. स्कंदपुराण के अनुसार जो भक्त प्रदोषव्रत के दिन शिव पूजा के बाद शांत मन से प्रदोष व्रत कथा सुनता या पढ़ता है उसे 100 जन्मों तक कभी दरिद्रता नहीं आती. प्रदोष व्रत के दिन घर के मंदिर की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और घर में लड़ाई-झगड़ा या विवाद नहीं करना चाहिए. व्रत कर रहे लोगों को दूसरों के लिए बुरी भावना अपने मन में नहीं रखना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details