चंडीगढ़: दशहरे के दिन चंडीगढ़ में रावण दहन की अनुमति नहीं दी गई थी. जिस वजह से शहर में रावण दहन के कार्यक्रम नहीं किए गए. हालांकि लोगों की तरफ से एक दो जगह पर छोटे-मोटे रावण दहन के कार्यक्रम जरूर किए गए, लेकिन जिस तरह से हर साल चंडीगढ़ में कई जगह पर रावण दहन के बड़े कार्यक्रम किए जाते थे. वो इस साल नहीं किए गए. जिससे दशहरे के दिन शहर में प्रदूषण में जो वृद्धि होती थी, वो इस बार नहीं हुई.
इस बारे में हमने चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि जब भी किसी वस्तु को जलाया जाता है तो उससे वायु प्रदूषण होता है. जहां तक रावण दहन की बात है तो इसमें बड़े स्तर पर पटाखे, लकड़ियां और कागज जलाए जाते हैं. जिससे प्रदूषण में वृद्धि होती है, लेकिन इस साल रावण दहन की अनुमति ना होने की वजह से शहर के प्रदूषण में ज्यादा वृद्धि दर्ज नहीं हुई.