चंडीगढ़: हरियाणा के कई शहरों में लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स की हालत खराब होती जा रही है. ज्यादातर जगहों पर एक्यूआई 300 के पार जा रहा है. ऐसे में हरियाणा सरकार भी पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सतर्क हो गई है. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा है कि राज्य सरकार वायु गुणवत्ता सूचकांक को लेकर बहुत संजीदा है. सरकार पराली जलाने के मामलों को और कम करने के लिए कड़े कदम उठा रही है.
हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में, अब तक 939 चालान और 25 लाख 12 हजार से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. इसके साथ ही सरकार ने पराली जलाने के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही दोषी अधिकारियों को निलंबित करने का काम भी किया गया है. सरकार के मुताबिक हरियाणा में पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 38 प्रतिशत की कमी आई है.
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मुख्य सचिव ने ये जानकारी एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर एमएम कुट्टी की अध्यक्षता में हुई आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक में दी. इसके साथ ही उन्होंने धान की पराली जलाने के मामलों को और कम करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की भी रिपोर्ट पेश की. बैठक में डॉक्टर कुट्टी ने बीते साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी हासिल करने के लिए करनाल और कैथल के उपायुक्तों की सराहना की है.
मुख्य सचिव ने कहा कि इस साल के लिए 13.54 मिलियन टन धान के भूसे का औद्योगिक उपयोग होने का अनुमान है. बैठक में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष राघवेंद्र राव ने उपायुक्तों को खनन और उत्खनन गतिविधियों की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी कचरा खुले में ना जलाया जाए.
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