चंडीगढ़: प्रदेश में किसानों की धान खरीद में लगाए गए बड़ी धांधली के आरोपों के बाद हरियाणा सरकार की तरफ से राइस मिलर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई गई. जिसमें 90 करोड रुपए की धांधली सामने आई थी. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास की तरफ से 90 करोड रुपए के घोटाले के उजागर किए जाने के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर और भी ज्यादा हमलावर हो गई थी.
इस मामले में सरकार ने इसे घोटाला मनाने से इंकार कर रही है. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जहां इसे घोटाला होने से इंकार किया. वहीं उपमुख्यमंत्री ने भी दावा किया है कि कोई घोटाला नहीं हुआ है. जिन राइस मिलर्स के पास चावल कम मिला है उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
धान घोटाले पर आमने-सामने सरकार और विपक्ष, देखिए कैसे चल रहे हैं सियासी तीर मेरी सरकार के 10 साल की जांच करवा लें- भूपेंद्र हुड्डा
दुष्यंत चौटाला कहते नजर आ रहे है कि अगर विपक्ष साक्ष्य देगा तो सीबीआई जांच के लिए भी तैयार है, साथ पूर्व की हुड्डा सरकार के समय मे कम पाई गई धान का मामला भी उठाते नजर रहे है. हालांकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इन बयानों पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विपक्ष भपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 10 साल की जांच सरकार करवा लें.
उन्होंने कहा की 90 करोड़ का घोटाला होने की बात की जा रही है जबकि ये उससे भी बड़ा घोटाला है जिसपर हम जांच को मांग करते है. वहीं विधानसभा में ये मामला और भी जोरदार तरीके से उठने की उम्मीद है. हरियाणा में धान खरीद में घोटाला हुआ है या नहीं. इस पर ही संशय बनने लगा है, क्योंकि इसको लेकर सरकार में से ही अलग-अलग बयान सामने आने लगे हैं.
कोई घोटाला नहीं है- मनोहर लाल खट्टर, सीएम
इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि राइस मिलर्स की तरफ से धान की खरीद में अनियमितता सामने आने पर हमने ही दो बार फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई और इस पूरे मामले को उजागर भी किया कि किसने कहां पर क्या अनियमितताएं की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने ही इस पूरे मामले में निष्पक्ष तौर पर जांच करवाई है और आगे भी कार्रवाई की जा रही है. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया कि कोई घोटाला नहीं है.
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि किसी भी तरह का घोटाला नहीं हुआ है अगर राइस मिलर्स को पैसे जारी कर दिए जाते तो घोटाला होता मगर 700 करोड रुपए रोक लिए गए हैं. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नमी के नाम पर 1% की कमी छूट होती है लेकिन 1% कमी के बाद भी जिसके पास चावल कम पाया गया है हम कार्यवाही कर रहे है.
36 हजार मीट्रिक टन धान कम मिला है जो 64 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद का आधा प्रतिशत बनता है. जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 2013 की सरकार में जब खरीद आज के मुकाबले 60% थी उस समय में 65 हजार मैट्रिक टन धान ईयर एंडिंग पर कम पाई गई थी जबकि हमने यह चेकिंग ईयर स्टार्टिंग मे करवाई है.
दुष्यंत ने कहा कि पैडी की जब तक पीडीएस में एफसीआई के माध्यम से खरीद रहेगी तब तक चेक किया जाएगा, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमने मिलर्स की सिक्योरिटी को रोक लिया है, रिकवरी हो रही है जो आगे भी जारी रहेगी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा अगर लिखित में देते हैं जांच के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा कि 10 साल की जांच के लिए तैयार हैं. हालांकि इस पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा दी बड़े सवाल उठाते हुए कह चुके हैं कि जांच करवा लें.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आखिर किस को बचाया जा रहा है यह समझ से परे है. हुड्डा ने कहा कि इनके एसीएस 90 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात कहते हैं मगर ये हजारों करोड़ का घोटाला है. हुड्डा ने कहा कि घोटाला होने और ना होने को लेकर भी सरकार उलझन में है जिसको लेकर अलग-अलग तरह के बयान दिए जा रहे हैं. वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयानों पर के आरोपों पर भाजपा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जो भी आरोप लगा रहे हैं, लेकिन हरियाणा की मनोहर सरकार ने पहले भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की है और अभी भी कार्रवाई कर रही है.
हरियाणा की मनोहर सरकार धान खरीद में किसी भी तरह के घोटाले से स्पष्ट इंकार करती नजर आ रही है वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस पूरे मामले की सीबीआई से बार-बार जांच की मांग कर रहे है. वहीं इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला ने भी इस पूरे मामले पर हरियाणा की भाजपा सरकार से विधानसभा के बजट सत्र में सवाल पूछे जाने का दावा किया है.
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यानी आने वाले समय में धान खरीद का यह पूरा मामला विधानसभा में भी बड़े स्तर पर गूंज सकता है विधानसभा में विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमला बोल सकती हैं वहीं इस पूरे मामले में घोटाला ना होने की बात कर रही सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रहे विपक्षी पार्टियां अपने आरोपों को विधानसभा में किस तरह से उठाती हैं यह भी देखना होगा.