चंडीगढ़ः 17वीं लोकसभा के लिए चल रहे चुनाव में हरियाणा में कई दिग्गजों को अपना परंपरागत क्षेत्र छोड़कर दूसरे मैदान में जोर आजमाइश करनी पड़ रही है. अपनी सीट बदलकर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार चाहे जो कुछ भी कहे लेकिन इनके दिलों की धड़कने जरूर तेज होंगी. क्योंकि हरियाणा का सियासी इतिहास किसी दिग्गज को भी चैन की सांस लेने की सहुलियत नहीं देता है. ऐसे में इन सीटों पर जीतना इन धुरंधरों के लिए किसी कड़ी चुनौती से कम नहीं है. जीत के लिए जहां इन प्रत्याशियों के पसीने तो छूटेंगे ही, वहीं चुनाव में जीत से पहले इन प्रत्याशियों को मतदाताओं का भरोसा जीतना होगा. लोकसभा के इस चुनाव में प्रदेश के सियासी हालात कुछ इस कदर बने कि पार्टियों को अपने उम्मीदवारों को नई से लड़ने के लिए मैदान में उतारना पड़ा. एक नजर डालते है ऐसे उम्मीदवारों पर
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. जबकि रोहतक लोकसभा सीट भूपेंद्र सिंह हुड्डा का परंपरागत सीट रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से 4 बार सांसद रहे हैं.
ऐसे में सोनीपत सीट भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए नई सीट है, लिहाजा उन्होंने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत इस इलाके से अपने पारिवारिक संबंध जोड़ते हुए की.
नवीन जयहिंद
जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी गठबंधन से फरीदाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार नवीन जयहिंद रोहतक जिले के रहने वाले हैं. नवीन जयहिंद आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं. लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अपनी घरेलू जमीन नहीं मिली.
लेकिन जयहिंद को उम्मीद है कि दिल्ली से सटी होने की वजह से इस सीट पर केजरीवाल का जलवा काम कर सकता है.
दिग्विजय चौटाला
सोनीपत में जननायक जनता पार्टी और आम आमदमी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं. इससे पहले दिग्विजय चौटाला ने जींद में विधानसभा का उपचुनाव लड़ा था. ऐसे में दिग्विजय के लिए सोनीपत का इलाका भी नया है और वहां के मतदाता भी. लेकिन दिग्विजय को इस सीट पर अपने परदादा ताऊ देवीलाल के ‘प्रभाव’ से उम्मीद है.
सन 1980 के लोकसभा चुनाव में देवीलाल सोनीपत से जनता पार्टी (सेक्यूलर) की टिकट पर चुनाव लड़े थे और 54.89 प्रतिशत वोट पाकर अपने प्रतिद्वंद्वी रणधीर सिंह को 1,57,791 वोटों से हराए थे.
शायद यही सोच लेकर दिग्विजय ने इस शहर में लगी ताऊ देवीलाल की मूर्ति के सामने नतमस्तक होकर अपना चुनावी अभियान शुरू किया.