हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

पूर्व SHO रिश्वत मामले में जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत याचिका HC में खारिज - याचिका हाई कोर्ट जसविंदर कौर रिश्वत केस

दो लाख रुपये की रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर और सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह के केस में नया मोड़ आ गया है. सोमवार को सीबीआई के गवाह और शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया.

plea filed in punjab and haryana high court against jaswinder kaur bribe case
पूर्व SHO रिश्वत प्रकरण का शिकायतकर्ता पहुंचा HC

By

Published : Jul 21, 2020, 1:20 PM IST

चंडीगढ़:चंडीगढ़ पुलिस की ओर से मिल रही धमकियों के बाद सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के डीजीपी से एफिडेविट मांगा है. जस्टिस सुधीर मित्तल ने चंडीगढ़ प्रशासन और सीबीआई को नोटिस जारी कर मामले पर 10 अगस्त के लिए सुनवाई तय की है.

जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

पूर्व SHO जसविंदर कौर की अग्रिम जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इससे पहले CBI कोर्ट ने जसविंदर कौर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था. इस मामले पर हाई कोर्ट ने जसविंदर कौर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. जसविंदर कौर पर पांच लाख की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज है. मामला दर्ज होने के बाद से ही जसविंदर कौर फरार है.

जानिए क्या है मामला?

डेराबस्सी निवासी प्रेम सिंह बिष्ट ने याचिका दायर कर कहा कि उसकी शिकायत पर सीबीआई ने चंडीगढ़ में एक सब इंस्पेक्टर को 2 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरोप है कि सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह ने एक केस से तीन आरोपियों को बाहर करने की एवज में 9 लाख हजार रुपये मांगे थे, इनमें से 2 लाख हजार रुपये रुपये सेक्टर 31 की मार्केट में याची देने पहुंचा तो सीबीआई ने मोहन सिंह को दबोच लिया.

SHO हो चुकी है लाइन हाजिर

रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद सब इस्पेक्टर मोहन सिंह ने बताया कि वो जो 9 लाख रुपये मांग रहा था, उसमें से 8 लाख रुपये उसने एसएचओ जसविंदर कौर को देने थे. इसके बाद सीबीआई ने देर रात तक इंस्पेक्टर जसविंदर कौर से पूछताछ की और इसके बाद सेक्टर 41 थाने की एसएचओ जसविंदर कौर को लाइन हाजिर कर दिया गया.

प्रेम सिंह बिष्ट के मुताबिक उसका फाइनेंस का काम है और राम दरबार में उसका दफ्तर है. पिछले महीने 17 तारीख को राम दरबार में झगड़ा हुआ था, जिसमें रवि नाम के युवक को चोट लगी थी. इसकी शिकायत पर सेक्टर 31 थाने में 10 युवकों के खिलाफ धारा 307 का केस दर्ज हुआ था. आरोपियों में उसके दफ्तर में काम करने वाले तीन युवकों के भी नाम हैं.

प्रेम सिंह के मुताबिक मोहन सिंह 307 के केस की जांच कर रहा था और कई बार उसके दफ्तर में आकर धमकी दी और उसे मानसिक प्रताड़ना दी गई. मोहन सिंह ने कहा कि अगर इस केस से बचना है तो 9 लाख देने होंगे. जिसके बाद उसने मामले की जानकारी सीबीआई को दी और सीबीआई के ट्रैप में आरोपी मोहन सिंह फंस गया.

ये भी पढ़िए:खरखौदा शराब घोटाले में पहली चार्जशीट दाखिल, भूपेंद्र सहित 6 के नाम शामिल

प्रेम सिंह की ओर से अब दायर की गई याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि चंडीगढ़ पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अब इस मामले में उसे धमका रहे हैं और केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details