चंडीगढ़:हरियाणा में इन दिनों स्कूलों में दाखिलों का दौर जारी है, लेकिन प्रदेश के हर जिले में ज्यादातर निजी स्कूलों के बाहर मायूस विद्यार्थियों और अभिभावकों की भीड़ (134a Admission Protest In Haryana) नजर आई. ये लोग शिक्षा के अधिकार की धारा 134A के तहत दाखिला करवाने पहुंचे थे, लेकिन गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क या मामूली फीस पर दाखिला देने के अधिकार का ये प्रावधान बेमानी सा नजर आया. पिछले कई महीनों से निजी स्कूलों के चक्कर लगा रहे अभिभावकों की लाख कोशिशों के बाद भी दाखिले के आखिरी तारीख तक अपने बच्चों का एडमिशन निजी स्कूल में नहीं करवा पाए.
धारा 134A नियम क्या है
134A नियम कहता है (What is 134A exam) कि कोई भी गरीब परिवार का विद्यार्थी किसी भी निजी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ सकता है. हरियाणा में 134A नियम के मुताबिक हर निजी स्कूल में 10 फीसदी सीटें बीपीएल, ईडब्ल्यूएस व गरीब छात्रों के लिए आरक्षित है. आसान भाषा में कहा जाए तो गरीब परिवार का बच्चा प्राइवेट स्कूल में फ्री में दाखिला लेकर फ्री में पढ़ाई कर सकता है. 134A रूल के तहत दाखिला लेने के लिए आपके पास तहसीलदार के द्वारा जारी किया हुआ 2 लाख से कम वार्षिक आय का प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
फरीदाबाद के रहने वाले अभिभावक सागर ने बताया कि 134A के तहत फरीदाबाद में 2500 बच्चों का निजी स्कूल में दाखिला होना था. सागर ने बताया कि जिस स्कूल में उनकी बेटी का एडमिशन के लिए नाम पक्का हुआ था. उस स्कूल ने उनकी बात तक नहीं सुनी. 18-19 दिन से स्कूल के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन स्कूल में अंदर तक नहीं जाने दिया गया. शुक्रवार को दाखिले की आखिरी तारीख थी और आज तक बच्ची का दाखिला नहीं किया गया. ऐसे में उनके बच्चों के बड़े स्कूल में पढ़ने के सपने भी चकनाचूर हो रहे हैं.
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यही हाल रोहतक में भी देखने को मिला. निजी स्कूलों के बाहर अभिभावक धरना प्रदर्शन पर डटे रहे. अभिभावकों का आरोप था कि टेस्ट क्लीयर होने के बाद भी उनके बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ. मामला बढ़ा तो अभिभावक शुक्रवार को लघु सचिवालय में पहुंच गए और शिक्षा विभाग के कार्यालय के नीचे धरने पर बैठ गए. जिसकी जानकारी लगते ही महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी वहां पहुंच गए. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में आ गए.