चंडीगढ़: हरियाणा पंचायत विभाग ने पंचायती चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना में राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक हरियाणा में पंचायत चुनाव (panchayat elections in haryana) करवाने के निर्देश दिए हैं. इस अधिसूचना में कहा गया है कि 30 सितंबर तक हरियाणा में पंचायत चुनाव, पंचायत समिति और जिला परिषदों के चुनाव करवाए जाएं. कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा खंड की ग्राम पंचायत संभालखा को छोड़कर हरियाणा की सभी पंचायतों के चुनाव करवाने के आदेश दिए गए हैं.
अधिसूचना के मुताबिक चुनाव आयोग को इस समय अवधि के अंदर चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. पंचायत चुनाव की इस अधिसूचना के मुताबिक कुरुक्षेत्र के खंड लाडवा की संभालखा ग्राम पंचायत में चुनाव बाद में कराए जाएंगे. वहीं अब सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के बाद राज्य चुनाव आयोग भी जल्दी पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है. राज्य चुनाव आयोग ने इस बार हरियाणा में सरपंचों और जिला परिषद के साथ ब्लॉक समिति सदस्यों के चुनाव ईवीएम से करवाने की तैयारी की हुई है.
हरियाणा में पंचायत चुनाव कराने की अधिसूचना जारी इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने लगभग 78000 ईवीएम अन्य राज्यों से मंगवाई हुई है. प्रदेश में 6226 सरपंच और 62000 से अधिक पंच के लिए मतदान होना है. इसके साथ ही 3000 से अधिक पंचायत समिति सदस्यों के लिए भी मतदान होना है. जबकि जिला परिषद के सदस्य 411 हैं. हालांकि हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक पंचायत चुनाव में भी निकायों की तरह पिछड़े वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाएगा. जबकि 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. जबकि प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए 8% आरक्षण का प्रावधान किया था, लेकिन पंचायत चुनाव में इसे लागू नहीं किया जा सकेगा.
इन सबके बीच हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है, लेकिन अभी उसको सर्वे करना बाकी है. यानी आयोग को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने में अभी काफी समय लगेगा. उस रिपोर्ट के बाद ही अगले चुनाव में ही पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिल सकता है. जबकि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण से राव सरपंच के पदों के लिए मिलेगा. इस सबके बीच पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने भी मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दे दिया है.
माना जा रहा है कि राज्य चुनाव आयोग चुनाव को दो चरणों में करवाएं. जिसमें पहले पंच और सरपंच के चुनाव और फिर पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव संपन्न करवाए जा सकते हैं. बता दें कि हरियाणा में करीब डेढ़ साल की देरी से पंचायत चुनाव हो रहे हैं. इसमें देरी की वजह पहले ही तो कोरोना महामारी बनी, उसके बाद सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण में किए गए बदलाव को हाई कोर्ट में चुनौती के चलते इसमें देरी हो गई. हाई कोर्ट में 5 मई को ही पंचायत चुनाव कराने के लिए हरी झंडी दी थी.