चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च (Chandigarh pgi) में 2019 के बाद इस साल सबसे अधिक लोगों ने अंगदान किया. जिसके चलते इस साल चंडीगढ़ और चंडीगढ़ के बाहर रहते 110 लोगों को नया जीवन मिला. वहीं इस साल बहुत कम लोगों ने आंखों को दान किया. क्योंकि पीजीआई द्वारा 2013 से अंगदान अभियान चलाया गया था. ऐसे में इस साल के आंकड़ों से साबित हुआ है कि लोग अपने परिवार के सदस्य के अंगों को (Organ donation in Chandigarh PGI) दान करते हुए नए लोगों को नया जीवन देने की ओर बढ़ रहे हैं.
पीजीआई (Chandigarh pgi) में रिसर्च और डेवलपमेंट में भी नए सर्जिकल तरीकों के साथ आर्थ्रोस्कोपी या आर्थ्रोस्कॉपी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोस्कोपिक यानी शरीर के खोखले अंगों के अंदर या छिद्रों के अंदर देखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इंटरनल ऑर्गन के लिए भी डोनेट बॉडी (Organ donation in Chandigarh PGI) का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में ऑर्गन डोनेट ब्रेन डेड मरीजों के परिवारों की ओर से किया जाता है. ऐसे में ऑर्गन डोनेट करके लोगों की जिंदगी दी जाती है.
दरअसल अब ब्रेन डेड मरीजों के ऑर्गन डोनेशन के लिए उनके परिवारों ने सहमति दिखाई है. इसके लिए लोगों को जागरुक भी किया जाता है. सड़क हादसों में सिर पर गंभीर चोट आने के बाद ब्रेन डेड होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं अन्य कारणों में किसी सर्जरी आदि के बाद भी कई बार मरीज रिकवर नहीं हो पाता. ऐसे में मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है.
पीजीआई के मुताबिक, ऑर्गन डोनेट करने वालों की संख्या काफी कम है. कई मरीज ऑर्गन न मिल पाने के कारण मर जाते हैं. ऐसे में पीजीआई में पिछले चार साल के मुकाबले इस साल सबसे अधिक लोगों ने ऑर्गन डोनेट किए हैं. साल 2019 की बात करें तो चंडीगढ़ में 73 लोगों ने ही ऑर्गन डोनेट किए थे. जिसमें 31 लोगों ने शरीर दान किया था.
2019 में ऑर्गन डोनेशन: 2019 में 60 लोगों को नई किडनी, 8 को लीवर, दो दिल, और तीन को अग्न्याशय लगाते हुए 69 लोगों को नया जीवन मिला था. ऐसे में 674 लोगों को आंखें भी लगाई गई. वहीं 2020 में 41 लोगों को अंगदान किए गए थे. जिसमें 20 लोगों ने अपना शरीर दान किया था. जिससे कई लोगों को नया जीवनदान मिला था.