चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने खरीफ फसलों की खरीद में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान को भुगतान सात दिनों की निर्धारित अवधि में हर हाल में करना है. जिसके बाद खरीद एजेंसी, आढ़तियों और बैंकर्स की तरफ से भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब कतई बर्दाश्त नहीं होगा. सीएण ने कहा कि 'जे फार्म और आई फार्म' का मिलान खरीद प्रक्रिया का आंतरिक मामला है. उनका मिलान बाद में किया जा सकता है, लेकिन किसान का भुगतान सबसे पहले होना जरूरी है.
'दिवाली से पहले जारी हो किसानों का भुगतान'
मुख्यमंत्री ये निर्देश धान खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि इस वर्ष खरीफ फसलों की लगभग 38 लाख एकड़ क्षेत्र में धान, 18 लाख एकड़ क्षेत्र में कपास, 12 लाख एकड़ क्षेत्र में बाजरा, 2.40 लाख एकड़ क्षेत्र में गन्ना की बिजाई किए जाने का अनुमान है. बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 अक्तूबर से पहले का जितना भी भुगतान लम्बित है, उसे तत्काल जारी किया जाए. जिन किसानों को टोकन 14 नवम्बर को दीपावली के दिन जारी किए जा चुके हैं, उनकी वैधता 16, 17 और 18 नवम्बर तक बनी रहनी चाहिए, किसानों को नए सिरे से टोकन देने की जरूरत नहीं होगी.
'फॉर्म जमा प्रक्रिया ऑनलाइन किया जाए'
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यालय स्तर के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धान खरीद के लिए ‘एच फार्म से लेकर जे फार्म, गेट पास, आई फार्म’ के जमा होने से लेकर मंडी से वेयरहाउस तक उठान तक और आई फार्म की स्वीकृति प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एच फार्म जारी होने के एक सप्ताह के अंदर-अंदर या आई फार्म स्वीकृत होने के 72 घंटों में किसान को उसकी खरीद की अदायगी हर हालत में हो जाए.