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नूंह के युवक का दस्तावेजों की गलती पर रुका ट्रक ड्राइवर के लिए नियुक्ति पत्र, हाई कोर्ट ने दिए नौकरी देने के आदेश - नूंह में ट्रक ड्राइवर

अप्रैल 2022 में हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने मेवात में ड्राइवर पद के लिए आवेदन (nuh truck driver appointment) मांगे थे. मेवात के युवक ने भी इसके लिए आवेदन किया, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस और दस्तावेजों में जन्मतिथि अलग अलग आने से उसके नौकरी के लिए लेटर नहीं भेजा गया. ऐसे में युवक ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

punjab haryana high court
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Published : Jan 15, 2023, 7:54 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मेवात जिले में अप्रैल 2022 में कौशल रोजगार निगम की ओर से ड्राइवर की पद के लिए आवेदन (nuh truck driver appointment) मांगे गए थे. मेवात के युवक ने भी इसके लिए आवेदन किया, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस और दस्तावेजों में जन्मतिथि अलग अलग आने से उसके नौकरी के लिए लेटर नहीं भेजा गया. ऐसे में मेवात के युवक ने हाई कोर्ट (punjab haryana high court) का दरवाजा खटखटाया.

जिसके बाद हाई कोर्ट ने शख्स की याचिका पर सुनवाई की और युवक को नौकरी पर रखने के आदेश दिए. दरअसल अप्रैल 2022 में हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने मेवात में ड्राइवर पद के लिए आवेदन मांगे थे. उक्त पदों के लिए मेवात के रहने वाले मोहम्मद सलीम ने भी आवेदन किया, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस में स्कूली दस्तावेजों से अलग जन्मतिथि होने के चलते चयनित होने वाले आवेदन में मोहम्मद सलीम का भी नाम शामिल था.

ऐसे में अन्य आवेदकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए, लेकिन सलीम को पत्र जारी नहीं हुआ. जिसके बाद सलीम ने इस संबंध में कई जगह जानकारी मांगी, लेकिन उसकी समस्या का निपटारा नहीं हुआ. जिसके बाद मोहम्मद सलीम ने मामले के निपटारे के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाई. मोहम्मद सलीम के एडवोकेट नफीस रूपड़िया ने हाई कोर्ट को बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो गया और चयन के बाद निगम ने अप्रैल 2022 को नियुक्ति की सिफारिश के साथ पत्र सिविल सर्जन को सौंप दिया.

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कई दिन इंतजार करने के बाद नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया. याचिकर्ता ने जानकारी मांगी तो पता चला कि उसके स्कूली दस्तावेजों और लाइसेंस में जन्म तिथि अलग-अलग है. इसके बाद एक मांगपत्र देकर कहा कि उसे नियुक्ति पत्र दिया जाए और वो जल्द से जल्द इस गलती को दस्तावेज में ठीक करवा लेगा. बार-बार निवेदन के बाद भी जब याचिकर्ता के दावे पर विचार नहीं किया गया. तब सलीम ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई. जिसपर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सलीम को नौकरी देने के आदेश दिए हैं.

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