चंडीगढ़: 17 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए योग्य पार्टियों ने वीरवार को नामांकन कर दिया है. वहीं, एक बार फिर भाजपा और आम आदमी पार्टी ही आमने सामने होंगी. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने इस बार फिर चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला लिया है. नामांकन करने के लिए पहुंचे उम्मीदवारों ने अपने साथियों के साथ नामांकन करवाया.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने वीरवार दोपहर 3 बजे सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन फाइल किया. आपको बता दें कि AAP पार्टी मेयर उम्मीदवार के तौर पर वार्ड नंबर-21 से पार्षद जसवीर सिंह लाडी होंगे. वहीं,सीनियर डिप्टी मेयर उम्मीदवार के तौर पर वार्ड नंबर-4 से पार्षद सुमन देवी ने अपना नामांकन करवाया है. इसके साथ ही वार्ड नंबर-18 से पार्षद तरुणा मेहता डिप्टी मेयर उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन करवाया है.
वहीं, भाजपा के उम्मीदवारों में मेयर की सीट के लिए वार्ड नंबर-11 के पार्षद अनूप गुप्ता का नामांकन किया गया है. सीनियर डिप्टी मेयर के उम्मीदवार के तौर पर वार्ड नंबर-33 से पार्षद कंवरजीत राणा ने अपना नामांकन करवाया है. इसके साथ ही डिप्टी मेयर के उम्मीदवार के तोर पर वार्ड नंबर- 8 से पार्षद हरजीत सिंह का नामांकन किया गया है.
बता दें कि चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल एक साल के लिए ही होता है. ऐसे में पिछली बार भाजपा और आप में कड़ी टक्कर थी. जोकि इस बार में देखने वाली होगी. बीते साल में भाजपा के उम्मीदवार सरबजीत कौर को मेयर के रुप में चुना गया था. जिन्हें बीते पूरे साल विरोधी पार्टियों की ओर से ढमी मेयर करते हुए आलोचना की गई थी. ऐसे में भाजपा की और से इस बात को ध्यान में रखते हुए सरबजीत कौर को दोबारा मौका देने की जगह अनूप गुप्ता को मेयर के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करवाया गया है.
वहीं लंबे समय से चल रही राजनीति गलियारों में खबर थी की कांग्रेस इस बार अपने छह पार्षदों के साथ आम आदमी को वोट दे सकती है. लेकिन नामांकन करने के समय कांग्रेस ने अपनी रणनीति को बदलते हुए एक बार फिर मेयर चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अकाली दल का एक पार्षद भी भाजपा को वोट दे सकता है. नेताओं की वोटिंग में क्रॉस वोटिंग का अंदेशा बरकरार रहता है. जहां किसी पार्टी के लिए बाजी किसी भी वक्त पलट जाती है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अक्सर क्रॉस वोटिंग देखने को मिलती है.
क्योंकि मेयर चुनाव में आम जनता हिस्सा न लेते हुए चुने हुए पार्षद मेयर के लिए वोट डालते हैं. ऐसे में चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अलग-अलग पार्टियों की स्थिति देखें तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों की संख्या समान है. बीजेपी के पास सांसद का एक वोट अलग से है. मेयर चुनाव में सांसद का वोट भी पड़ता है. चंडीगढ़ के 35 वार्डों में आम आदमी पार्टी के पास 14 वार्ड हैं. पार्टी ने शहर के 14 वार्डों में अपना कब्जा जमाया हुआ है. उसके पास कुल 14 पार्षद हैं.