नई दिल्ली/चंडीगढ़ः नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने हरियाणा के केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) एवं हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को हरियाणा के रेवाड़ी गांव में पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए हैं. जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीजीडब्ल्यूए को निर्देश दिया कि वो तत्काल प्रभाव से रेवाड़ी के चिरहाड़ा गांव से सटी एक औद्योगिक इकाई के बोरवेल को बंद करें.
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याचिका रेवाड़ी निवासी रघुनाथ सिंह ने दायर की है. याचिका में भूजल के दूषित होने का आरोप लगाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किया जाए कि वो भूजल के दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाए और आस पास के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराएं. याचिका में कहा गया है कि उस इलाके में दो औद्योगिक ईकाईयां बिना अनुमति के भूजल का दोहन करती हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं.
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जिसपर एनजीटी ने कहा कि भूजल के दूषित होने एवं वायु तथा जल प्रदूषण के लिये औद्योगिक ईकाईयां जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल सीजीडब्ल्यूए और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि भूजल दूषित है.