चंडीगढ़: देशभर के ट्रक, डंपर और बस चालकों ने केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल का बिगुल बजा दिया है. चक्का जाम कर ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल कर दी है. जिसका असर अब बुनियादी चीजों (सब्जी, दूध, पेट्रोल, डीजल) की सप्लाई पर देखने को मिल रहा है. इस मुद्दे पर हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद और राज्य महासचिव सुमेर सिवाच ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया है.
'हित में नहीं नया कानून': उन्होंने कहा है कि सरकार का नया बिल किसी भी चालाक के हित में नहीं है. चाहे वो सरकारी बस का चालक हो, प्राइवेट बस का चालक हो या छोटे व्हीकल का चालक हो. ये कानून सभी चालकों बर्बाद करने वाला साबित होगा. इस कानून में प्रावधान किया है कि ट्रक या बस चालक घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाएगा. ये काम पहले से ही पूरे देश के ड्राइवर करते रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि कई ऐसे भी हादसे ड्राइवर के साथ हुए हैं. जहां एक्सीडेंट होने पर जनता के द्वारा पीटने से उनकी मौत तक हुई है. अगर किसी वजह से ड्राइवर घायल को अस्पताल नहीं पहुंचा पाया तो उसे 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा. जो सरासर गलत है. इसलिए देश भर के चालक इस बिल का विरोध कर रहे हैं. अगर चालक अपनी जान बचाने के लिए भागता है, तो जुर्माना सजा के कारण वो जीते जी ही मर जाएगा.
बुधवार को दो घंटे का सांकेतिक प्रदर्शन: हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा इस बिल का विरोध करती हैं. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस बिल को वापस लिया जाए. नहीं तो रोडवेज कर्मचारी 3 जनवरी 2024 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक रोडवेज का पहिया रोक कर 2 घंटे का प्रदर्शन करेंगे और जनरल मैनेजर के माध्यम से गृह मंत्री को चालक विरोधी बिल को वापस लेने का ज्ञापन भेजेंगे.