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जेजेपी में जाने वाले 4 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का मामला, HC ने स्पीकर को भेजा नोटिस - haryana news

इनेलो से जेजेपी में जाने वाले 4 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले में हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने नैना चौटाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा विधानसभा स्पीकर समेत अभय चौटाला को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

naina chautala challenged speaker's decision in high court

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Published : Oct 4, 2019, 6:51 PM IST

चंडीगढ़: राजनीति में आया राम गया राम अर्थात दल-बदल किसी भी दल के लिए किसी समस्या से कम नहीं है. ये दल-बदल किसी पार्टी की सरकार गिरा भी सकती है और बना भी सकती है. हाल ही में जेजेपी समर्थक चार इनेलो विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफे दे दिया था. जिसके बाद अब हरियाणा विधानसभा सदस्यों की संख्या 78 रह गई थी.

इनेलो से जेजेपी में जाने वाले 4 विधायक का मामला हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, देखें वीडियो

इन चार विधायकों ने दिया था इस्तीफा स्पीकर ने किया था सदस्यता रद्द

इनेलो से जेजेपी में जाने वाले 4 विधायक जिनके नाम नैना चौटाला, राजदीप फौगाट, पृथ्वी सिंह नंबरदार और अनूप धानक है, इनकी सदस्यता 2 सितंबर को हरियाणा विधानसभा स्पीकर की तरफ से रदद् कर दी गई थी. स्पीकर के इस फैसले को चुनोती देते हुए नैना चौटाला ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

हाईकोर्ट ने नैना चौटाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा विधानसभा के स्पीकर समेत अभय चौटाला को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. फिलहाल हाइकोर्ट ने 16 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होनी है. देखना होगा कि अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट के सामने रखा क्या जवाब जाता है और इस मामले में हाईकोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद क्या फैसला देती है.

इनेलो प्रदेशाध्यक्ष ने बताया था लोकतंत्र के साथ धोखा

आपको बता दें कि इनेलो प्रदेशाध्यक्ष बीरबल दास ढालिया ने नैना चौटाला, अनूप धानक, राजदीप फोगाट, और पिरथी सिंह नंबरदार को दल बदलने के ग्यारह महीने बाद त्याग पत्र देना प्रजातंत्र के साथ धोखा बताया था.

ये दल-बदल कानून

आपको बता दें कि दल बदल की स्थिति तब होती है जब किसी भी दल के सांसद या विधायक अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ते हैं या पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हैं। इस स्थिति में उनकी सदस्यता को समाप्त किया जा सकता है और उनपर दल बदल निरोधक कानून लागू होगा

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