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सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में दिया नोटिस, हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा 8 लाख करने की मांग - नॉन क्रीमी लेयर की वार्षिक आय

हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर सांसद दिपेंद्र हुड्डा ने (MP Deepender Hooda on OBC Creamy Layer Income) राज्यसभा में नोटिस दिया है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार की बात भी न मान कर पिछड़ा वर्ग से कौन सी दुश्मनी निकाल रही है.

MP Deepender Hooda gave notice in Rajya Sabha
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी

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Published : Feb 7, 2023, 5:33 PM IST

चंडीगढ़: सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज राज्य सभा में हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा केंद्र द्वारा निर्धारित आय सीमा के बराबर कम से कम 8 लाख करने की मांग का नोटिस दिया. नोटिस में उन्होंने कहा कि हरियाणा में मौजूदा सरकार ने नॉन-क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख की बजाय 6 लाख रुपए कर रखी है, जिसमें वेतन और कृषि आय समेत सभी स्रोतों से प्राप्त आय को सकल वार्षिक आय की गणना में जोड़ा जा रहा है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, यह विसंगति केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन है. उन्होंने सवाल किया कि, हरियाणा सरकार अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार की बात भी न मान कर पिछड़ा वर्ग से कौन सी दुश्मनी निकाल रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करी कि केंद्र द्वारा क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा एवं आय सीमा को हरियाणा में भी लागू किया जाए ताकि एकरूपता बनी रहे और पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार मिल सके. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे.

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी

उन्होंने हरियाणा में क्रीमी लेयर के लिए सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 14 अक्टूबर, 2004 को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार क्रीमी लेयर को तय करते समय वेतन और कृषि से हुई आय को नहीं जोड़ा जाता. क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा वही है जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 8 सितंबर 1993 के नोटिफिकेशन और 14 अक्टूबर 2004 के स्पष्टीकरण में जारी किया था.

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी

इसके अलावा उन्होंने आय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अधीन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) हर तीन साल में आय सीमा को लेकर बदलाव करता है. जैसे 8 सितंबर 1993 को यह 1 लाख रुपए सालाना थी जिसे बढ़ाते हुए सितंबर 2017 में 8 लाख किया गया था, लेकिन अब 6 वर्ष बीत गए आय सीमा की समीक्षा नहीं हुई. इतना ही नहीं, हरियाणा में आय सीमा बढ़ाना तो दूर, इसके विपरीत केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख की आय सीमा को घटाकर 6 लाख रुपए कर दिया है, जिससे पिछड़ा वर्ग में भारी रोष है. 6 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय होने पर हरियाणा में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिलता, जो पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय है.

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