चंडीगढ़: मदर्स डे के मौके पर सिटी ब्यूटीफूल चंडीगढ़ में एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का नाम मां सम्मान समारोह था. इस कार्यक्रम में 10 ऐसी मांओं को बुलाया गया था.जिन्होंने बेहद विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए अपने बच्चों को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया. बेशक उन माताओं के लिए समय बेहद मुश्किल था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस मुश्किल समय कि आंच अपने बच्चों पर नहीं पड़ने दी. उन्हें पढ़ा लिखा कर एक सफल नागरिक बनाया.
कार्यक्रम में हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से इस तरह की 10 महिलाओं को बुलाया गया था. जहां पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने इन सभी माताओं को सम्मानित किया. यह ऐसी महिलाएं थी जिनमें से ज्यादातर महिलाएं गरीब तबके से थी. वह पढ़ी-लिखी भी नहीं थी. कई महिलाओं के पति भी दुनिया से जा चुके थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और जिंदगी में संघर्ष करते हुए अपने बच्चों के लिए ताउम्र मेहनत की.
इन्हीं में से एक शर्मिता नाम की महिला से हमने बात की. बातचीत के दौरान शर्मिता ने बताया कि उनकी शादी महज 19 साल की उम्र में हो गई थी. वे कम उम्र में ही मां बन गई थी. लेकिन बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि उनका बेटा ऑटिज्म नाम की बिमारी का शिकार है. इसके बाद शमिता ने अपनी पढ़ाई नौकरी और सारा कामकाज अपने बच्चे के लिए छोड़ दिया और उसे ठीक करने में जुट गई.