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कैबिनेट के फैसले: किफायती मकानों की कीमतों में की वृद्धि, गरीब महिलाओं का 3.23 करोड़ रुपये का ब्याज माफ

चंडीगढ़ में मंगलवार को हरियाणा कैबिनेट (haryana cabinet meeting) की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. हरियाणा सरकार ने गरीब महिलाओं का 3.23 करोड़ रुपये का ब्याज माफ कर दिया है. बशर्ते मूलधन एकमुश्त योजना के तहत जमा कराना पड़ेगा. इसके अलावा राज्‍य सरकार ने किफायती मकानों की कीमतों में वृद्धि की है.

haryana cabinet meeting
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Published : Nov 2, 2021, 9:43 PM IST

चंडीगढ़:मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल (haryana cabinet meeting) की बैठक हुई. इस बैठक में हरियाणा सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग की स्टाफ निरीक्षण इकाई द्वारा किए जा रहे कार्य मूल्यांकन के कार्य को और सुचारू बनाने के प्रयासों के तहत राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों के लिए सहायक और शाखा के कार्य मूल्यांकन के लिए 'कार्य मूल्यांकन मानदंड' और 'स्टाफिंग नीति' सृजित करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करने के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों को स्वीकृति प्रदान की गई.

बैठक के बाद हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बतया कि प्रशासनिक सुधार विभाग की स्टाफ निरीक्षण इकाई द्वारा राज्य में सभी विभागों के कार्य-अध्ययन के संचालन के लिए कार्य मूल्यांकन मानदंड और प्रोफार्मा तैयार किया जाएगा. स्टाफिंग नीति राज्य में सरकारी कार्यालयों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के नए पद सृजित करने के लिए मानदंड तय करेगी. बैठक में द्वितीय हरियाणा राज्य विधि आयोग के गठन से संबंधित अधिसूचना के पैरा 6(बी) में संशोधन करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई.

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26 मई, 2021 को जारी अधिसूचना के पैरा 6(बी) के अनुसार, सेवारत न्यायिक अधिकारी के मामले में, पहले पूर्णकालिक सदस्य ऐसे वेतन और भत्ते के हकदार होंगे, जो वे पहले से ही प्राप्त कर रहे हैं और सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी के मामले में, वे अपने अंतिम प्राप्त वेतन के हकदार होंगे. अतः वेतन में अंतर उत्पन्न होता है और सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी के मामले में, सदस्य की सेवा के संबंध में वेतन कम हो जाता है. अतः संशोधन के अनुसार, 'वेतन' शब्द को 'वेतन और भत्ते' शब्द से प्रतिस्थापित किया गया है.

इसके अलावा हरियाणा सरकार 8557 गरीब महिलाओं का 3.23 करोड़ रुपये बकाया ब्याज माफ करेगी. बशर्ते, इन्हें कर्ज की मूल राशि 4.31 करोड़ रुपये एकमुश्त भुगतान योजना के तहत जमा करानी होगी. महिला विकास निगम ने गरीब महिलाओं को कृषि, उद्योग, व्यापार क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कर्ज दिया था. जिसे समय से चुकाने में यह नाकाम रहीं. अब सरकार ने कर्ज की मूल राशि चुकाने पर 100 फीसदी बकाया ब्याज माफ करने के लिए एकमुश्त भुगतान योजना को मंजूरी दी है. गरीब व कमजोर वर्ग की 17 हजार 151 महिलाओं को 11 करोड़ 87 लाख रुपये की राशि मार्जिन मनी के तौर पर दी थी. इसमें से 8 करोड़ 53 लाख रुपये की राशि लाभार्थियों ने जमा करवा दी है.

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निगम प्रबंधन ने समीक्षा में पाया कि 8557 ऐसी गरीब महिलाएं चिह्नित हुई हैं, जो वर्षों तक ब्याज भरने में समर्थ नहीं हैं. इसलिए मानवीय आधार पर इन महिलाओं को एकमुश्त भुगतान योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है. मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के हरियाणा अधीनस्थ कृषि (ग्रुप सी) सेवा नियम, 1993 और हरियाणा कृषि (ग्रुप बी) सेवा नियम, 1995 में संशोधन करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. संशोधन के अनुसार नियम 5 में 'सत्रह' और 'पैंतीस' शब्दों और चिह्नों के स्थान पर क्रमश: 'अठारह' और 'बयालिस' शब्दों और चिह्नों को प्रतिस्थापित किया जाएगा. यहां निर्धारित आयु में छूट के अलावा ग्रुप ए, बी, सी और डी के पदों के संबंध में सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए व्यक्ति की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 42 वर्ष होगी.

इसके अलावा बैठक में करीब आठ वर्षों बाद आवासीय इकाइयों के दाम बढ़ाने को मंजूरी मिली है. इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में 19 अगस्त 2013 को अधिसूचित किफायती आवास नीति लागू की गई थी. इसमें अब संशोधन किया गया है. इस बढ़ोतरी के बाद अब 600 वर्ग फीट साइज के फ्लैट की कीमत में एक लाख 20 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी होगी. बिल्डरों की ओर से दलील दी गई थी कि प्रदेश में जमीन की कीमतें भी बढ़ी हैं और निर्माण लागत भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित दरों में उनके लिए फ्लैट्स बनाकर लोगों को दे पाना संभव नहीं है. हरियाणा सरकार ने उनकी इस दलील को तो सही माना, लेकिन उनकी मांग अनुसार बढ़ोतरी करने की बजाय 200 रुपये प्रतिवर्ग फीट की बढ़ोतरी को मंजूरी दी.

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किफायती आवास नीति के तहत दिए जाने वाले मकान की कीमताें में 200 रुपये प्रति वर्ग फीट की वृद्धि की गई है. हालांकि रियल एस्टेट औद्योगिक परिषद और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल ने 350 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की मांग कर रही थी.

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