चंडीगढ़: रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी से टिकट बंटवारे पर समझौता करने में जुटे हैं. वहीं बात न बनने पर उन्होंने खुद के प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बयानद दिया.
रामदास अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया एक राष्ट्रीय पार्टी है इसीलिए उन्हें देश के सभी राज्यों में चुनाव लड़ने का अधिकार है. आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी वे अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. हालांकि भाजपा तक यह बात पहुंचा दी गई है कि उन्हें भी कुछ सीटें दी जाए. अगर ऐसा नहीं होता तो वे खुद ही अपने उम्मीदवारों को उतारेंगे. उन्होंने कहा कि अपने अलग उम्मीदवार उतारने का मकसद भाजपा का विरोध करना बिल्कुल नहीं है. वह चुनाव में भाजपा को पूरा समर्थन करेंगे और अगर उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारती है तो भाजपा को ही इसका फायदा होगा.
उत्तर प्रदेश में कई भाजपा नेताओं द्वारा पार्टी छोड़े जाने की बात पर उन्होंने कहा कि इस तरह के नेता जितना जल्दी पार्टी छोड़ते हैं पार्टी को उतना ही फायदा होता है. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का उदाहरण देते हुए कहा कि वे पहले बसपा में थे. बसपा को छोड़कर वे भाजपा में आ गए और भाजपा के ऊपर दलित विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाकर वे सपा में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का विश्वास नहीं किया जा सकता. अगर भाजपा दलित विरोधी होती तो 303 सीटें जीतकर सत्ता में नहीं आती. इस मौके पर उन्होंने दलित समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर वे अपने हकों को पाना चाहते हैं तो वे भाजपा को ही वोट दें.