किसानों के प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का बड़ा बयान चंडीगढ़: सूरजमुखी फसल की खरीद एमएसपी पर करने की मांग को लेकर सोमवार से किसानों ने कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे जाम कर रखा है. इस पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि किसानों द्वारा जिस तरीके से नेशनल हाईवे को जाम किया गया है, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जितनी किसानों की चिंता वर्तमान हरियाणा सरकार ने की है, उतनी शायद किसी और सरकार ने नहीं की है.
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा सरकार सबसे ज्यादा फसलों पर एमएसपी दे रही है. पूर्व की सरकार के जो लोग आज एमएसपी की मांग कर रहे हैं. किसानों को इस पर भी ध्यान देना चाहिए कि उनके टाइम में सिर्फ गेहूं और धान की दो फसलों पर ही एमएसपी मिलती थी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ज्यादातर फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है. उन्होंने कहा कि सूरजमुखी की फसल खरीद की, जहां तक बात है.
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उन्होंने कहा किइस बार खरीद में बहुत बड़ा अंतर रह गया है. एमएसपी 6 हजार 400 है और मार्केट में रेट 4 हजार 200 है. इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने हैफिड को मैदान में उतारा, जिसके बाद कीमत 4 हजार 800 हो गई है. उन्होंने कहा कि जब बड़ा प्लेयर मार्केट में आता है तो स्वभाविक है उससे रेट ऊपर उठते हैं. मंत्री कंवरपाल ने कहा कि इसके साथ ही हम किसान को 1 हजार रुपये अतिरिक्त भावांतर भरपाई के तहत दे रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस तरीके से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वह न्याय उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसान सरकार के फैसले के साथ हैं. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब में तो सूरजमुखी की फसल पर पांच पैसे भी नहीं दिए जा रहे. ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत को पंजाब में आंदोलन करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हम तो 1600 रुपये दे रहे हैं. अगर राकेश टिकैत सच में किसान हितेषी हैं तो उन्हें पंजाब में आंदोलन करना चाहिए, वहां पर किसानों को पांच पैसे भी नहीं दिए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लोग भी इनकी वास्तविकता को जानते हैं. यह किसान की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं बल्कि इनका लक्ष्य कुछ ओर है. जिसके लिए यह हरियाणा में अशांति फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ही किसानों की सच्ची हितैषी है. जिसने किसानों के लिए हर वह काम किया है. जिससे किसानों को लाभ पहुंचे. उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी कुछ संगठन हैं, जो सरकार को बदनाम करने के लिए लगातार अपना काम कर रहे हैं.
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जहां तक हाईवे को खुलवाने की बात है तो उन्होंने कहा कि सरकार निश्चित तौर पर इस पर काम कर रही है. सरकार इसके लिए जो भी जायज कदम होगा वह उठाएगी. पहले तो हमारी कोशिश बातचीत के जरिए ही इसका समाधान निकालने की है. जहां तक किसान नेताओं की रिहाई की बात है तो सरकार इस पर भी बातचीत के जरिए कोई ना कोई समाधान जरूर निकलेगी. 14 जून को हरियाणा बंद को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देेते हुए उन्होंने कहा कि जाम लगाने या बंद करने से किसी को फायदा नहीं होता है. जिन प्रदेशों में इस तरीके की स्थितियां होती हैं, उनके हालात खराब हो जाते हैं.