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हरियाणा में बढ़ेगा बाजरे का रकबा, बाजरे को न्यूट्री सेरिअल के तौर पर प्रचारित करेगी सरकार - etv haryana latest news

संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय न्यूट्री सेरिअल (millet crop in Haryana) घोषित किया है. भारत सरकार ने इसके लिए प्रयास किए थे जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने ये घोषणा की है. हरियाणा सरकार इसका फायदा उठाने की तैयारी में जुट गई है.

millet crop in Haryana
बाजरे को न्यूट्री सेरिअल के तौर पर प्रचारित करेगी सरकार

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Published : Jul 29, 2022, 2:49 PM IST

चंडीगढ़ः बाजरा सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है. हरियाण और राजस्थान में बाजरे की खिचड़ी (millet crop in Haryana)और रोटी सर्दियों में लोग बड़े चाव से खाते हैं और इसके खाने से सर्दी में गर्मी का अहसास होता है. बाजरे के इन्हें गुणों के कारण हरियाणा सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत साल 2023 में बाजरे को न्यूट्री-सेरिअल के (Millet Nutri Serial 2023 haryana) तौर पर प्रचारित करेगी ताकि लोगों को बाजरे के खाने से होने वाले लाभों का पता चल सकेगा. बाजरा जहां सेहत के लिए वरदान है वहीं इसकी फसल को कम पानी और खाद की जरूरत होती है. प्रदेश में लगभग 10 से 12 लाख एकड़ में बाजरे की खेती होती है तथा प्रति एकड़ लगभग 8 क्विंटल उत्पादन होता है.

ये जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में (chief secretary haryana) हुई राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारी कमेटी की बैठक में दी गई. विदेशों में हो रही बासमती चावल की मांग को देखते हुए चावल का निर्यात बढ़ाने के लिए सीधे कंपनियों से अनुबंध आधार पर खेती करवाने के भी मुख्य सचिव ने हैफेड के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. हैफेड संयुक्त राज्य अमीरात व अन्य अरब देशों के साथ बासमती चावल का निर्यात पहले से ही कर रहा है और इसे बढ़ाने के लिए अनुबंध खेती फायदेमंद हो सकती है. मुख्य सचिव ने बासामती के अलावा जौं की अनुबंध खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन रबी सीजन 2007-08 में शुरू किया था. इसके तहत दलहन एवं तिलहन की पैदावार को बढ़ावा देना था. वर्ष 2018-19 में खाद्य तेल एवं पाम ऑयल को शामिल किया गया. वर्ष 2021-22 के दौरान केन्द्र सरकार ने इस मिशन के लिए 4013.86 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत की थी. कपास की फसल पर पिंक वार्म बीमारी के खतरे को देखते हुए फसल के बचाव के लिए किसानों को जागरूक करने का अभियान चलाने के लिए भी कृषि अधिकारियों को कहा गया.

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