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मसालों के शहंशाह धर्मपाल का चंडीगढ़ से था खास रिश्ता - mahashay dharmpal chandigarh house

मसालों के किंग महाशय धर्मपाल अब नहीं रहे. उन्होंने 97 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया. महाशय धर्मपाल का चंडीगढ़ से भी खास रिश्ता रहा है. उनके खास दोस्त रवि प्रकाश बंसल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

महाशय धर्मपाल चंडीगढ़
महाशय धर्मपाल चंडीगढ़

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Published : Dec 3, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 6:11 PM IST

चंडीगढ़:एमडीएच मसाले से दुनियाभर में मशहूर हुए महाशय धर्मपाल अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने 97 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका मसालों का कारोबार तो दुनियाभर में फैला है, लेकिन चंडीगढ़ से उनका खास रिश्ता रहा है.

मसालों के शहंशाह धर्मपाल का चंडीगढ़ से था खास रिश्ता, देखें वीडियो

एमडीएच मसालों की वजह से ही चंडीगढ़ के रवि प्रकाश और महाशय धर्मपाल के बीच दोस्ती हुई थी. ये दोस्ती साल 1975 में हुई जब महाशय धर्मपाल मसालों के लिए चंडीगढ़ में डिस्ट्रीब्यूटर खोज रहे थे. तब से लेकर अब तक ये दोस्ती चली आ रही थी.

रवि प्रकाश बंसल ने महाशय धर्मपाल को याद करते हुए बताया कि वो कारोबार की दुनिया की एक चमकती हुई शख्सियत थे. उन्होंने अपने कारोबार को इमानदारी और मेहनत के साथ आगे बढ़ाया. वो खुद भी यही कहते थे की अगर कोई इमानदारी के साथ मेहनत करता है तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.

'महाशय धर्मपाल मेरे घर पर रुकते थे'

रवि प्रकाश ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि वो पंजाब की मंडियों में मसालों को बेचने के लिए अकसर आया करते थे. उनकी उनके क्षेत्र में महाशय धर्मपाल से मुलाकात हुई और तब से उनकी दोस्ती हो गई. इसके बाद जब भी धर्मपाल चंडीगढ़ आते तो उनके घर पर ही रुकते थे.

'पहले मेहंदी बेची और अब दुनियभर में मसाले'

रवि प्रकाश ने बताया कि महाशय धर्मपाल ने जिंदगी में कई दुख देखे. जैसे कम उम्र में उनकी पत्नी का देहांत हो गया. इसके बाद उनके जवान बेटे की मौत हो गई, लेकिन वो इन दुखों से हारे नहीं बल्कि लगातार आगे बढ़ते रहे. उन्होंने गरीबी के दिन भी देखें जब वो पाकिस्तान के सियालकोट में रहते थे. तब वहां मेहंदी बेचने का काम करते रहे. लेकिन बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से दिल्ली आ गया. यहां पर उनके पिता जलजीरा बेचते थे. इसके बाद महाशय धर्मपाल ने मसाले बेचने का काम शुरू किया और दुनियाभर में अपने कारोबार को फैला लिया.

'उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है'

उन्होंने कहा ऐसे इंसान धरती पर कम ही आते हैं. जहां एक तरफ से अपने कारोबार को बुलंदियों पर पहुंचा रहे थे. वहीं दूसरी ओर मानवता की सेवा में भी आगे रहते थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में गरीब लोगों के लिए बहुत दान किया, अस्पताल बनवाए, गौशालाएं बनवाई. दिल्ली में माता चानन देवी नाम से एक बहुत बड़ा अस्पताल भी बनवाया. उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है.

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Last Updated : Dec 3, 2020, 6:11 PM IST

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