चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार की मॉनिटरिंग और कोआर्डिनेशन कमेटी की राज्यस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में मुख्य सचिव समेत सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव और सभी जिलों के डीसी और डिविजनल कमिश्नर मौजूद रहे.
बैठक में सरकार की तरफ से चलाई जा रही मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, परिवार पहचान पत्र, फसल बीमा योजना, मेरी फसल मेरा ब्यौरा, लाल डोरा समाप्त करने जैसी योजनाओं पर जिलेवार समीक्षा की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं को लेकर कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं, जिन्हें दूर कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 31 मार्च से पहले सरकार की योजनाओं का फायदा अधिकतम लोगों को मिलेगा.
सीएम मनोहर लाल ने ली डीसी और डिविजनल कमिश्नर्स की बैठक जिला उपायुक्तों से सीएम ने मांगी रिपोर्ट
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी नीतियों को लागू करने में जिला उपायुक्तों का अहम योगदान रहता है, इसलिए प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को बैठक में बुलाकरउनसे योजनाओ की प्रगति पर रिपोर्ट मांगी गई है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से प्री बजट मीटिंग पर उठाए सवाल का भी सीएम ने जवाब दिया.
हुड्डा के सवाल का दिया जवाब
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जवाब देते हुए कहा कि अब तक सरकार स्टेक होल्डर्स, सांसदों, विभिन्न वर्गों से बजट पर चर्चा कर चुकी है और विधायकों के साथ भी चर्चा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 19 फरवरी तक अंतिम चर्चा के बाद ही बजट के स्वरूप को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से एसवाईएल पर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के बयान पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने एसवाईएल और बाकी रचनात्मक कार्यों के लिए सरकार का सहयोग करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये एक अच्छा कदम है. देश के लोकतंत्र में विपक्ष की भी एक अहम भूमिका होती है. अगर दोनों मिलकर काम करते हैं तो प्रदेश का भला होगा.
कुमारी सैलजा के वार पर पलटवार
इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा की तरफ से लगाए गए आरोपों पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का ये फैसला 2012 में कांग्रेस के शासन में लागू किया था. आज वो अपने किए काम से कैसे पीछे कैसे हट सकती है. ये तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत है.