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LSE छात्र करण कटारिया डिस्क्वालीफाई मामला: मनोहर लाल के पत्र पर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा

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Published : Apr 7, 2023, 1:32 PM IST

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) के छात्र संघ चुनाव से भारतीय छात्र करण कटारिया को डिस्क्वालीफाई करने का मामला अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है. इस मामले में सीएम मनोहर लाल ने भी LSE को पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री के पत्र के जवाब में अब एलएसई प्रबंधन ने भी अपना जवाब दिया है.

London School of Economics Karan Kataria
London School of Economics Karan Kataria

चंडीगढ़: लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) के छात्र करण कटारिया की सुरक्षा और भेदभाव करने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संस्थान को चिट्ठी लिखी थी. सीएम मनोहर लाल के पत्र का अब एलएसई ने भी जवाब दिया है. संस्थान ने छात्र करण कटारिया की सुरक्षा समेत किसी भी भेदभाव के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है. छात्र करण कटारिया हरियाणा के गुरुग्राम जिले के रहने वाले हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 अप्रैल को भेजे अपने पत्र में हरियाणा के छात्र करण कटारिया को लेकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रबंधन से कहा था कि 'मुझे सूचित किया गया है कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में कानून में स्नातकोत्तर के छात्र करण कटारिया को संस्थान में भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है'. सीएम ने अपने पत्र के माध्यम से इस मामले में संस्थान से छात्र करण की सुरक्षा और सम्मान की अपील की थी.

London School of Economics को सीएम मनोहर लाल का पत्र.

सीएम मनोहर लाल की चिट्ठी के जवाब में LSE संस्थान की तरफ से भी एक पत्र भेजा गया है. इस पत्र में कहा गया है कि हाल के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स स्टूडेंट यूनियन (LSESU) चुनाव और करण कटारिया की स्थिति के संबंध में आपके 5 अप्रैल के पत्र के लिए धन्यवाद. संस्थान ने कहा कि डराना-धमकाना, भेदभाव और उत्पीड़न पूरी तरह से संस्था में अस्वीकार्य है. एलएसई ऐसी किसी भी घटना का पूरी तरह विरोध करता है और उसकी जांच करने के साथ ही उससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है. हम उन रिपोर्टों से अवगत हैं जिन्हें आपने अपने पत्र में उठाया है. हम उनकी जांच कर रहे हैं.

जवाबी पत्र में आगे लिखा गया है कि एलएसई के पास एक ऑनलाइन पोर्टल सहित डराने-धमकाने समेत भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट करने के संबंध में उचित व्यवस्थाएं हैं. हम ऐसे किसी भी व्यक्ति को प्रोत्साहित करते हैं जिसने डराने-धमकाने या उत्पीड़न का अनुभव किया हो. ऐसा कोई भी छात्र हमसे तुरंत संपर्क करे ताकि हम उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकें.

LSE का जवाबी पत्र.

आपको बता दें कि करण कटारिया LSE के स्कूल ऑफ लॉ से LLM कर रहे हैं. वो LSE छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद के लिए लड़ रहे थे. लेकिन बाद में उन्हेंचुनाव से डिस्क्वलीफाई कर दिया गया. करण कटारिया ने खुद को चुनाव से अयोग्य ठहराये जाने के पीछे हिंदू फोबिया और अपने भारतीय होने को प्रमुख कारण बताया था. करण ने यहां तक कहा कि मैं इस मामले में चुप नहीं बैठूंगा. ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया. अयोग्य ठहराये जाने के बाद करण कटारिया ने ट्वीट भी किया.

'मैंने भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण व्यक्तिगत, विद्वेषपूर्ण और टारगेट हमलों का सामना किया है. मैं मांग करता हूं कि LSESU अपने पारदर्शी होने के दावे को साबित करे. मैं हिंदूफोबिया का मूक शिकार बनकर नहीं रहूंगा'. करण कटारिया, एलएलएम छात्र, LSE

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