चंडीगढ़/शिमला: शिव शंकर, शंभू, महेश, शिव आप उन्हें कई नामों से पुकार सकते हैं. वो देवों के देव भी हैं और भूतनाथ भी, वो नीलकंठ भी हैं और भोलेनाथ भी. उनकी अराधना का सबसे बड़ा दिन आने वाला है जिसे महाशिवरात्रि कहा (Mahashivratri on 1st March)जाता है. इस दिन महादेव के भक्त व्रत रखते हैं और शिवालयों में पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं.
कब है महाशिवरात्रि- हिमाचल के कांगड़ा जिले के पंडित सुभाष शर्मा बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च को है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए निशिता काल मुहूर्त मध्य रात्रि 12:08 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:58 बजे तक रहेगा. महाशिवरात्रि के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक है. इस दौरान भगवान शिव की पूजा अर्चना से मनोकामना पूर्ण होगी. इस साल की महाशिवरात्रि शिव योग में है.शिव योग में महाशिवरात्रि- इस बार महाशिवरात्रि शिव योग में है. 01 मार्च को शिव योग दिन में 11:18 बजे से प्रारंभ होगा और पूरे दिन रहेगा. शिव योग 2 मार्च को सुबह 8:21 बजे तक रहेगा. शिव योग को तंत्र या वामयोग भी कहते है. धारणा, ध्यान और समाधि अर्थात योग के अंतिम तीन अंग का ही प्रचलन अधिक रहा. शिव कहते हैं 'मनुष्य पशु है' पशुता को समझना ही योग और तंत्र का प्रारंभ माना गयाय योग में मोक्ष या परमात्मा को पाने के तीन मार्गों को बताया गया. जागरण, अभ्यास और समर्पण.
महाशिवरात्रि में पूजा का मुहूर्त- कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 1 मार्च को तड़के 3 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर देर रात 1 बजे तक रहेगी. वैसे तो महाशिवरात्रि के दिन दिनभर पूजा का मुहूर्त होता है, लेकिन रात्रि प्रहर की पूजा के लिए महाशिवरात्रि का मुहूर्त 1 मार्च को मध्य रात्रि 12:08 बजे से मध्यरात्रि 12:58 बजे तक रहेगा. इस बार महाशिवरात्रि के पारण का समय सुबह 2 मार्च सुबह 6:45 बजे तक रहेगा. यानि जो लोग शिवरात्र का व्रत और जागरण करते हैं वो इस समय के पश्चात भोजन ग्रहण कर सकते हैं. इसी प्रकार महाशिवरात्रि के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक है.
पूजा की सामग्री- शिव की आराधना के समय बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, मदार पुष्प, सफेद फूल, गंगाजल, गाय का दूध, मौसमी फल, आदि सामग्रियां रखें और विधिपूर्वक भोलेनाथ का पूजन करें. महाशिवरात्रि का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, कष्ट एवं संकट दूर हो जाते है. शंकर कृपा से आरोग्य प्राप्त होता है, सुख, सौभाग्य बढ़ता है.