चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि इस बार फिर पार्टी की ओर से मनोहर लाल ही सीएम पद के दावेदार होंगे. वही अगर बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में गुटबाजी साफ तौर पर देखने को मिलती है. कांग्रेस में सीएम पद के कई दावेदार हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जो फिलहाल लोकसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव इन दिग्गजों का इम्तिहान है, इसके बाद ही हरियाणा में कांग्रेस आला कमान इन नेताओं का कद तय करेगा.
सोनीपत सीट से मैदान में हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा (फाइल फोटो ) इन नेताओं को देनी होगी परीक्षा
लगातार 2 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा का टिकट देने की जगह हाईकमान ने सोनीपत से लोकसभा का टिकट थमा दिया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.माना जा रहा है कि उन्हें विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा के चुनाव में ही अपना 'दम' दिखाना होगा.ऐसे में अगर सोनीपत और रोहतक सीट हुड्डा हाईकमान की झोली में डालते हैं, तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनका ‘सिक्का’ और मजबूती से चलेगा.जिसके बाद ही उन्हें सीएम की रेस में आगे समझा जाएगा.
सीएम कस चुके हैं तंज
हुड्डा को लोकसभा टिकट मिलने पर सीएम मनोहर लाल भी तंज कस चुके हैं. मनोहर लाल ने कहा था कि पहले जींद उपचुनाव में हुड्डा ने अपना कांटा हटाने के लिए सुरजेवाला को उपचुनाव लड़वाया और अब सुरजेवाला ने अपना कांटा हटाने के लिए हुड्डा को लोकसभा चुनाव लड़वाया है. हुड्डा को चंडीगढ़ की जगह दिल्ली भेजा जा रहा है.
सिरसा से अशोक तंवर को कांग्रेस ने दिया है टिकट ( फाइल फोटो) अशोक तंवर की 'अग्निपरीक्षा'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी खुद को सीएम रेस में शामिल रखते हैं. यही वजह है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर एक पार्टी में होते हुए भी एक साथ नज़र नहीं आते हैं. हुड्डा कई बार तंवर को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाने की सिफारिश हाईकमान से कर चुके हैं.अशोक तंवर को भी सिरसा से पार्टी ने टिकट दिया है. हालांकि तंवर 2009 में इसी सीट से सांसद थे, लेकिन वो 2014 में इस सीट से हार गए थे. जिसके बाद एक बार फिर पार्टी ने उन्हें चुनावी रण में उतारा है. इस बार तंवर के लिए जीत जरूरी है, ताकि वो अपना दम हाईकमान को दिखा सके.
गुरुग्राम से कैप्टन अजय यादव हैं कांग्रेस प्रत्याशी (फाइल फोटो) अजय यादव में कितना है 'दम' ?
पांच बार विधायक रह चुके और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी खुद को सीएम पद का प्रबल दावेदार मानते हैं, लेकिन अभी पार्टी ने उन्हें गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. जीत के साथ ही कैप्टन सीएम पद के लिए अपना दमखम साबित कर पाएंगे.
भव्य बिश्नोई और कुलदीप बिश्नोई (फाइल फोटो) कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी भी हैं रेस में
कुलदीप बिश्नोई और सीएलपी लीडर किरण चौधरी को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है, इस बार दोनों भले ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन वो सीएम बनने के लिए कितने सही है इसके लिए उन्हें परीक्षा अपने बच्चों को जीताकर देनी होगी. हाईकमान ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य को हिसार सीट से टिकट दिया है. किरण और कुलदीप को ये दोनों सीट जीतकर सीएम पद के लिए अपना दावा ठोकना होगा.
अंबाला से कुमारी सैलजा हैं कांग्रेस की उम्मीदवार (फाइल फोटो) सैलजा का चलेगा 'सिक्का' !
इसके अलावा कुमारी सैलजा भी सीएम पद की दावेदार मानी जाती हैं. 2014 में कुमारी सैलजा ने चुनाव लड़ने मना कर दिया था. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. इस चुनाव में कुमारी सैलजा को अंबाला लोकसभा क्षेत्र से टिकट मिला है. इस सीट पर सैलजा की अग्निपरीक्षा होगी. अगर वो अंबाला से जीतकर आती हैं तो वो सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक सकती हैं.