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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तैयारी, जानिए कौन कहां पड़ रही भारी?

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में चुनावी बिसात बिछने लगी है. 2024 में हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटों पर फिर से जीत का परचम लहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रणनीति तैयार कर ली है. वहीं, कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव को लेकर बिल्कुल तैयार है. ऐसे में आइए जानते हैं सूबे में वर्तमान में जो हालात हैं इस परिस्थिति में कौन किस पर भारी पड़ रहा है. (BJP and Congress preparation for Lok Sabha elections)

BJP and Congress preparation for Lok Sabha elections
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तैयारी

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Published : Jun 27, 2023, 10:07 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा की 2024 के लोकसभा चुनाव की सियासी पटकथा लिखने में सभी दल अभी से अपना गुणा भाग करने में लग गए हैं. किस तरह से लोकसभा चुनाव में विरोधियों को धूल चटानी है, कैसे चुनावी जीत के लिए शतरंज की बिसात बिछानी है. कौन सा मोहरा कब और क्यों आगे बढ़ाना है, इसको लेकर सभी दल अपनी अपनी योजना बनाने में लगे जुट चुके हैं. हालांकि, योजना किसकी सफल होगी, यह तो चुनावी नतीजों के बाद ही स्पष्ट होगा. लेकिन, जीत के लिए प्रयास सभी के जारी हैं. खासतौर पर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को पटखनी देने के लिए हर स्तर पर मुकाबले के लिए मैदान में जुट चुके हैं.

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बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए फूंक चुकी चुनावी शंखनाद: हरियाणा में बीजेपी 2019 में लोकसभा की सभी दस सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास बना चुकी है. वहीं, प्रदेश की सत्ता में भी बीजेपी 2014 से लगातार दूसरी बार बनी हुई है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी के सामने है. उसे अपने पिछले चुनाव के परफॉर्मेंस को बरकरार रखना है. इसके लिए सरकार से लेकर संगठन तक चुनावी मैदान में जुट चुके हैं. केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के साथ पार्टी लोकसभा क्षेत्रों में जनसभाएं करके चुनावी शंखनाद फूंक चुकी है. इसके लिए केंद्रीय नेता हरियाणा के सियासी मैदान पर तक ठोक रहे हैं, जो केंद्र सरकार की उपलब्धियों के सहारे बीजेपी को फिर से तीसरी बार केंद्र की सत्ता में काबिज होने की उम्मीद कर रही है. हालांकि जनता क्या करेगी यह तो वही जानती है.

2014 और 2019 में BJP का मत प्रतिशत.

कांग्रेस की तैयारी भी पूरी, लेकिन गुटबाजी और संगठन के बिना लग रही अधूरी!: वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो नेता प्रतिपक्ष और दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 'विपक्ष आपके समक्ष' और जनसंवाद के जरिए हर लोकसभा क्षेत्र में काफी लंबे समय से कार्यक्रम कर रहे हैं. पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए लगातार जनता के दर पर जाकर उनकी समस्याओं और सरकार की नाकामियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. लेकिन, उनके यह प्रयास पार्टी से ज्यादा उनके खुद के लगते हैं. क्योंकि उनके इन कार्यक्रमों में ना तो कभी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा शामिल हुई, ना ही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए और न ही पार्टी की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी शामिल हुईं. बल्कि यह नेता कई बार सार्वजनिक मंचों से हुड्डा के इन कार्यक्रमों पर सवाल उठा चुके हैं कि, यह हुड्डा के कार्यक्रम हैं, पार्टी के नहीं जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पार्टी में गुटबाजी है.

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अभी तक हरियाणा में कांग्रेस संगठन की घोषणा नहीं: इतना ही नहीं करीब एक दशक से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अपना संगठन भी खड़ा नहीं कर पाई है. इसके पीछे की वजह भी हुड्डा गुट का पार्टी पर हावी होना माना जाता है. जिसकी वजह से धड़ों में बंटी कांग्रेस हरियाणा में अपने संगठन की घोषणा अभी तक नहीं कर पाई है. हालांकि सभी नेता इसकी जल्द घोषणा होने की बात विभिन्न मंचों पर जरूर करते हैं. संगठन और नेताओं का एक ना होना, कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी की चुनावी तैयारी पर सवालिया निशान लगाता है. हालांकि पार्टी के नेता इस बात को मानने के लिए तैयार दिखाई नहीं देते हैं. वे तो सत्ता में वापसी की बात कहते हैं.

2014 और 2019 में कांग्रेस का मत प्रतिशत.

क्या कहते हैं पार्टी की गुटबाजी और संगठन पर कांग्रेस के पार्टी प्रवक्ता?:वहीं, हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी और संगठन की घोषणा अभी तक ना हो पाने के मुद्दे पर पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि पार्टी के 195 पीसीसी मेंबर बन चुके हैं, जिला कांग्रेस के भी सभी सदस्य बन गए हैं. ब्लॉक के भी सदस्य चुनाव के जरिए बन चुके हैं. वे कहते हैं कि अब इन्ही में से पीसीसी के अधिकारी नियुक्त होने हैं, जिला अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, ब्लॉक अध्यक्ष भी बनेंगे. वे कहते हैं कि इनकी नियुक्ति होना बाकी है. वे कहते हैं कि यह सूची हाईकमान ने जारी करनी है, और यह जल्द ही यह जारी होगी. वे कहते हैं कि प्रभारी भी इस बात को कह चुके हैं.

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'आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस तैयार': जहां तक गुटबाजी की बात है तो वे इसको लेकर कहते हैं कि बैठक में नारेबाजी तो सभी नेता के समर्थक करते रहते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी में कोई गुटबाजी है. वे कहते हैं कि पार्टी नेताओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है. वहीं वे कहते हैं कि प्रदेश प्रभारी भी पार्टी अनुशासन पर अपनी बात स्पष्ट कर चुके हैं. इसलिए पार्टी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं, और इन चुनावों के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटेगी.

कांग्रेस के घमासान पर क्या कहती है बीजेपी?: कांग्रेस पार्टी को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे कहते हैं कि कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है, हर गुट का नेता अपनी महत्वाकांक्षाओं को पाले हुए हैं. वे कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी से ज्यादा व्यक्ति विशेष को लेकर चल रही है. यही सबसे बड़ी वजह है कि पार्टी का पिछले करीब 10 सालों से प्रदेश में संगठन नहीं है और आने वाले दिनों में भी उसके बनने की उम्मीद कम ही दिखाई देती है. अगर बन भी गया तो उसको लेकर पार्टी में हंगामा जरूर होगा. वे कहते हैं कि बीजेपी संगठन पर आधारित पार्टी है और हरियाणा में उसका बूथ स्तर तक कार्यकर्ता है. बीजेपी का संगठन मजबूत है इसलिए प्रदेश में कोई भी पार्टी मौजूदा दौर में बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है.

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