चंडीगढ़: शहर में जहां हर तरफ लोहड़ी का जश्न (Lohri festival 2023) मनाया गया. वहीं हल्की बुदां बांदी के बीच त्योहार को मनाने के लिए लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. बाजारों में जगह-जगह पर गजक, रेवड़ी, गुड़ पट्टी, उपले, लकड़ियों की स्टॉल लगाए गए. बाजारों में किफायती लोहड़ी गिफ्ट भी तैयार किए गए. चंडीगढ़ के सेक्टर-22, 26 और सेक्टर-15 में मूंगफलियों की ढेर भी लगे नजर आए.
मकर संक्रांति 2023 (Makar Sankranti 2023) के एक दिन पहले मनाई जाने वाली लोहड़ी भारत के बहुत से हिस्सों में मनाई जाती है. वहीं किसानों के लिए लोहड़ी का सबंध फसल और मौसम से होता है. इस दिन से गन्ने की फसल बुवाई शुरु की जाती है. इससे पहले रबी की फसल काटकर घर में रखी (Lohri Celebration in Chandigarh ) जाती है.
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ये किस्सा भी कहा जाता है:अगर सिख धर्म की बात करें तो इस त्योहार के पीछे एक दिलचस्प किस्सा छिपा हुआ है. मुगलकाल में पंजाब में एक लुटेरा अमीरों को लूटता था और गरीबों में लूटा हुआ सोना चांदी बांट देता था. एक लूट के दौरान एक लड़की को अगवा कर ले गए कुछ लोगों से उस लुटेरे ने बचाया था. लुटेरे ने उसे अपनी बेटी की तरह पाला और उसकी शादी की. उसकी शादी के दिन पंडित ने शादी करने से मना कर दिया. उस दिन लुटेरा दुल्ला भट्टी ने खुद अपनी बेटी की शादी करवाई. उस दिन से एक गाना भी बहुत चर्चित हुआ. जिससे सुंदर मुंदरिए के नाम से गाया जाता है.
ये है मान्यता: आज भी पंजाब और हरियाणा में इस किस्से को याद करते हुए लोहड़ी जलाई जाती है. वहीं जलती हुई आग में खुशी के मौके तिल गिराए जाते हैं. वह शगुन के तौर पर किया जाता है. वहीं, अगर आज के समय की बात करें तो शहर में मनाई जाने वाली लोहड़ी नए बच्चों के जन्म को लेकर और नए विवाहित जोड़ों की खुशी में मनाई जाती है. इस दिन घर के सभी लोग नए बच्चों और नए जोड़े के भविष्य के लिए शुभ कामनाएं मांगते हैं. इस दिन सुबह के समय गन्ने के रस की खीर भी बनाई जाती है, लेकिन यह ग्रामीण इलाकों में अधिक देखने को मिलता है.
लोहड़ी पर बाजार में रौनक: लोहड़ी को लेकर बाजारों में सुबह से ही भीड़ लग जाती है. लोहड़ी के दिन लोग अपने घरों में आटे और तील के लड्डू बनाते हैं. इस साल बाजार में गज्जक, मठरी, रेवड़ी की कीमत 100 से 1700 रुपए तक है. चॉकलेट, नमकीन और चना दाल की गज्जक भी उपलब्ध है. लोहड़ी के अवसर पर आग में डाले जाने वाले उपले भी बाजार में विभिन्न आकार के मिल रहे हैं. इनकी कीमत प्रति उपला 10 रुपये है. वहीं, अगर बात की जाए तिल की तो पिछले साल के मुकाबले 20 रुपए महंगा है. इस साल तिल 200 रुपए किलो है.