चंडीगढ़: हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (Haryana Staff Selection Commission) की तरफ से बीते शनिवार को सिपाही पद के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द (haryana constable exam cancel) कर दी गई थी. वहीं इस मामले में अब तक 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्य आरोपी एक पुलिस कर्मचारी है जो अभी फरार बताया जा रहा है.
आरोपी हरियाणा पुलिस कर्मचारी का नाम प्रवेश कुमार पुत्र जोगिंदर सिंह है. आरोपी झज्जर के गांव महमूदपुर माजरा का रहने वाला है और उसकी मौजूदा समय में पोस्टिंग रोहतक में लगी हुई थी. वहीं परीक्षा रद्द होने के कारण छात्रों में काफी रोष देखने को मिला. कई छात्रों ने तो ये तक कह दिया कि अब वो दोबारा परीक्षा ही नहीं देंगे.
बहरहाल हाल ही के वर्षों में हरियाणा में रद्द होने वाली ये पहली परीक्षा नहीं है. इससे पहले भी हरियाणा में कई परीक्षाएं रद्द हुई हैं खासकर की मौजूदा सरकार में. मनोहर सरकार पार्ट-2 से युवाओं को नौकरियों को लेकर काफी उम्मीदें थी क्योंकि सरकार पिछले कार्यकाल में जो भर्तियां पूरी नहीं कर सकी थी वो इस कार्यकाल में करने वाली थी.
इसके अलावा युवाओं को नई नौकरियों के अवसर भी प्रदान किए जाने थे, लेकिन युवाओं को अभी तक सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. जहां एक और सरकार की ओर से कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है वहीं कई भर्तियां भी रद्द की गई हैं. कई मामलों में तो परीक्षार्थी परीक्षा भी पास कर चुके थे और अपनी जॉइनिंग का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन भर्तियों को भी रद्द कर दिया गया है.
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हरियाणा में हाल ही के सालों में जो परीक्षाएं या भर्ती रद्द हुई हैं उन पर नजर डालते हैं. हरियाणा सरकार की ओर से साल 2015 में पीजीटी (PGT) संस्कृत के 26 पदों के लिए परीक्षा ली गई थी. इन परीक्षाओं का नतीजा 4 साल बाद जनवरी 2019 को जारी किया गया था. इस परीक्षा में 523 परीक्षार्थियों को पास घोषित कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद कुछ विवाद शुरू हो गए और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया. इसमें जिन युवाओं को चयनित किया गया था. उन्हें अगले 1 साल तक नियुक्ति नहीं किया गया. इसके बाद फरवरी 2021 में यानी परीक्षा के करीब 6 साल बाद इन भर्तियों को रद्द कर दिया गया. मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है.
इसके अलावा साल 2015 में ही टीजीटी (TGT) अंग्रेजी के 1035 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसके लिए परीक्षा 7 फरवरी 2016 को हुई थी और 3 सितंबर 2016 को ही परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया था. परीक्षा परिणाम आने के 4 साल बाद यानी अक्टूबर 2020 में पास हुए अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए गए. सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, लेकिन इसके बाद विवाद के चलते इस भर्ती को भी रद्द कर दिया गया और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया. प्रदेश सरकार की ओर से साल 2017 में जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट (haryana junior lecturer recruitment) के लिए भर्तियां निकाली गई और भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई. इसके लिए सितंबर 2018 में लिखित परीक्षा हुई और 2 साल बाद नवंबर 2020 में परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के 4 साल के बाद फरवरी 2021 में इन भर्तियों को भी विवाद के चलते रद्द कर दिया गया और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया.