चंडीगढ़:हरियाणा में किसान आंदोलन (Farmers Movement) जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के बयान के बाद काफी तेज नजर आ रहा है. इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam singh Chadhauni) और राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी काफी सक्रिय नजर आए. गुरनाम सिंह चढ़ूनी का यूपी में आंदोलन कमजोर पड़ने के बयान पर कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं. लोगों का कहना है कि वो हरियाणा में राकेश टिकैत के हस्तक्षेप से मन ही मन जल रहे हैं.
हालांकि राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर गुरमीत सिंह मानते हैं कि सीधे तौर पर गुरनाम सिंह चढ़ूनी की तरफ से कोई बड़ा बयान इन दिनों देखने को नहीं मिला. आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के किसानों का ज्यादा फोकस रहा है, राकेश टिकैत पंजाब और हरियाणा के दौरे भी करते रहे हैं. ऐसे में पंजाब और हरियाणा के नेताओं को जरूर महसूस होता है कि राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश जहां चुनाव भी होना है. वहां क्यों नहीं आंदोलन को मजबूत कर रहे हैं.
हरियाणा में मुख्य चेहरा बनना चाहते हैं चढ़ूनी!
गुरनाम सिंह चढूनी हरियाणा के किसान नेता हैं. ऐसे में गुरनाम चढूनी जरूर सोचते होंगे कि हरियाणा के आंदोलन का चेहरा वों रहें. राकेश टिकैत जाट नेता हैं इसलिए हरियाणा का जाट राकेश टिकैत साथ आइडेंटीफाई करता है. वहीं गुरनाम सिंह चढ़ूनी सिख हैं, मगर उन्हें लगता होगा कि उस तरीके से हरियाणा स्वीकर नहीं कर रहा है जैसा वो चाहते हैं.
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