चंडीगढ़: महिला भवन को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ की महिला नेताओं से बात की. इन नेताओं का कहना था कि महिला भवन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना थी, लेकिन इसे क्यों नहीं करवाई जा सका? महिला भवन को जिस लक्ष्य के लिए बनाया गया था, उस पर काम किया जाना बेहद जरूरी है.
महिला भवन का निर्माण
चंडीगढ़ की पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस पार्षद गुरबख्श वर्तिका ने कहा कि महिला भवन का निर्माण बहुत ही बेहतरीन सोच के साथ शुरू किया गया था. जिसमें महिलाओं को अलग-अलग कामों के लिए ट्रेनिंग दी जानी थी. जिससे वे खुद का काम कर सकें, लेकिन ये योजना आज तक शुरू नहीं हो पाई.
जानें पार्षदों की प्रतिक्रिया महिला सशक्तिकरण की दलीलें
इससे ये दर्शाता है कि सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बहुत सी बातें करती हैं लेकिन इनको लेकर कोई काम नहीं करना चाहता. एक तरफ तो हम कहते हैं कि महिला और पुरुष बराबर हैं. लेकिन महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर नहीं दिए जाते.
सिर्फ इमारत खड़ी है काम नहीं हो रहा
उन्होंने कहा कि कमरे में बैठकर योजनाओं पर चर्चा करना योजनाएं बनाना और इमारतें खड़ी कर देने से कुछ नहीं होता. उन योजनाओं को अमलीजामा पहनाना भी जरूरी होता है. सब लोग महिलाओं को लेकर सिर्फ बातें करते हैं. धरातल पर उनके लिए कोई काम नहीं किया जाता. ये महिला भवन इसी बात का एक उदाहरण है.
नगर निगम ने किया खर्चा
इसके अलावा चंडीगढ़ महिला सशक्तिकरण की पूर्व चेयरपर्सन और कांग्रेस पार्षद रविंद्र गुजराल ने कहा कि महिला भवन को बनाने के लिए नगर निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. हमारी तरफ से भी इसको चलाने की कोशिश की गई. लेकिन इसको सुचारू रूप से चलाया नहीं जा सका. इसमें कम से कम उन महिलाओं को स्थान दिया जाना चाहिए जो घर में छोटे-छोटे उत्पाद बनाकर बेचती हैं. ताकि वो महिलाएं अपना व्यापार कर सकें.
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महिला दिवस पर नई शुरुआत
वहीं बीजेपी पार्षद हीरा नेगी ने कहा कि नगर निगम की ओर से अच्छी इमारत बनाई गई है और वहां पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. आने वाले महिला दिवस पर वहां पर कोई न कोई गतिविधि जरूर करवाई जाएगी. जल्दी वहां पर महिलाओं से जुड़ी प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा सकता है.