नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा की लोगों से अपील और बीजेपी की प्रतिक्रिया. चंडीगढ़: हरियाणा में अगले साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि उससे पहले प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 होंगे. चुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत जनता के दरबार में झोंक दी है. सभी दल इस बात को पुख्ता करने में जुटे हैं कि आने वाले लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ही सत्ता में आए, इसके लिए नेता हर दांव चल रहे हैं.
ये भी पढ़ें:कांग्रेस की नई वर्किंग कमेटी में नहीं किरण चौधरी का नाम, दीपेंद्र हुड्डा परमानेंट इन्वाइटी, तो सैलजा और सुरजेवाला मेंबर
हरियाणा की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने लगाया पूरा दम: पिछले एक दशक से हरियाणा की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में फिर से वापस हरियाणा की सत्ता में आने के लिए लगातार अपना अभियान चलाए हुए है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम के जरिए अभी से ही कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं. हालांकि उनकी पार्टी ही कुछ नेता उनकी इन घोषणाओं पर सवाल भी उठाते रहे हैं. इस सबके बीच हिसार में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने जनता के बीच अपनी एक टीस को लेकर बयान दिया. जिसके कई सियासी मायने भी हैं. आइए जानते हैं भूपेंद्र हुड्डा ने क्या बयान दिया और इसके क्या सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
हिसार में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा. हिसार में भूपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा?: हिसार में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में हजारों की संख्या में जुटी भीड़ को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वैसे तो कई वादे जनता से किए. लेकिन एक बात जो उन्होंने इस दौरान कही वह यह कि, 'मेरी उम्र 76 साल हो गई है, मेरे दिल में एक टीस है, आपकी इजाजत लेने आया हूं, एक टक्कर लेना चाहता हूं इनके साथ, क्या आप मेरा साथ दोगे.' यानी नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इस बयान को सत्ता में वापसी के लिए आखिरी दांव की तरह भी देखा जा सकता है.
भूपेंद्र हुड्डा के इस बयान पर क्या कहती है बीजेपी?: भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का बयान जनता से मर्सी अपील की तरह है. वे कहते हैं कि, किसी भी राजनीतिक दल को वोट अपने काम के आधार पर मांगने चाहिए. लेकिन, उनकी यह एक भावुक अपील है. वे कहते हैं कि वर्तमान सरकार जिस निष्पक्षता के साथ काम कर रही है, उसको देखते हुए निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि जनता का समर्थन बीजेपी को मिलेगा.
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा.
ये भी पढ़ें:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तैयारी, जानिए कौन कहां पड़ रही भारी?
क्या कहते हैं हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव?:हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि, भूपेंद्र हुड्डा अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही पार्टी के नेताओं की बात कर रहे थे. जिनमें रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी शामिल हैं. वे कहते हैं कि, कांग्रेस पार्टी में इस वक्त सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है. पार्टी के नेता आपस में ही दो-दो हाथ कर रहे हैं. भूपेंद्र हुड्डा जानते हैं कि उनको अपनी ही पार्टी के नेताओं से चुनाव में पार पाना सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए वे अब जनता से ही इमोशनल अपील कर उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी राजनीतिक पारी को वे संभाल लें.
जेजेपी की क्या है भूपेंद्र हुड्डा के बयान पर राय?: भूपेंद्र हुड्डा के इस बयान पर जेजेपी मीडिया प्रभारी दीपकमल सारण कहते हैं कि हुड्डा परिवार लोगों के बीच बेचारा बनकर वोट मांगने में एक्सपर्ट है. 2009 में मुख्यमंत्री होते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने झज्जर में ये दुहाई देकर वोट मांगे कि कसर रह गई तो सोनिया गांधी उनकी छुट्टी कर देंगी. 2014 में भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा रोहतक एरिया के चौधरी के नाम पर वोट मांगते रहे और उसी वजह से भारी एंटी इनकम्बेंसी होते हुए भी एकमात्र रोहतक लोकसभा जीते और उसी एरिया में इनके विधायक बने. 2019 लोकसभा में गोहाना में हुड्डा ने हाथ जोड़कर नतमस्तक होकर मांगे और दीपेंद्र ने बेइज्जती से बचाने की दुहाई दी, लेकिन दोनों पिता-पुत्र हार गए. अब फिर से विकास और सुशासन का मुद्दा छोड़कर ये परिवार भावनात्मक बातों पर आ गया है, लेकिन अब प्रदेश के लोग इन्हें पहचान चुके हैं और परिणाम 2019 वाला ही होगा.
ये भी पढ़ें:हरियाणा का सियासी रण, क्या बिना संगठन कांग्रेस दिखा पाएगी अपना दम?
भूपेंद्र हुड्डा के बयान को कैसे देखते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इस बयान को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकारी प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि, उनका यह बयान जनता से एक इमोशनल अपील के तौर पर देखा जा सकता है. वे कहते हैं कि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जानते हैं कि यह उनके नेतृत्व में पार्टी का आखिरी चुनाव हो सकता है. क्योंकि अगले चुनाव तक उनकी उम्र 80 साल पार कर जाएगी, हालांकि वे कहते हैं कि राजनीति में आखिरी कुछ नहीं होता है. प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि भूपेंद्र हुड्डा चाहेंगे कि वे राजनीति के इस पड़ाव पर एक शानदार पारी के साथ उसका अंत करें, इसलिए वे इस तरह की इमोशनल अपील जनता से कर रहे हैं.