चंडीगढ़:अक्सर देखा जाता है कि कोई भी आंदोलन हो, तो वकील अपनी ड्रेस में यानी कि काला कोट पहने नजर आते हैं. जिसको देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के बार काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि वो वकीलों को ये निर्देश दे कि किसी भी प्रकार के प्रदर्शन में शामिल होने के दौरान एडवोकेट गाउन और नेक बैंड ना पहने.
मद्रास हाईकोर्ट के निर्णय का चंडीगढ़ के वकीलों ने किया स्वागत इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील शौकीन वर्मा ने कहा कि एडवोकेट एक्ट 1961 के तहत पहले से ही ये प्रावधान है कि वकील अपनी ड्रेस जिसने कोर्ट, नेक बैंड, गाउन सिर्फ कोर्ट परिसर में ही पहना जाना चाहिए, क्योंकि वकीलों की ड्रेस उनके प्रोफेशन का गौरव होती है और ऐसे में उसको कोर्ट परिसर के बाहर पहनना कहीं ना कहीं उसको आहत पहुंचाता है.
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वकील शौकीन वर्मा ने कहा कि मद्रास कोर्ट द्वारा जो निर्देश बार काउंसिल पांडिचेरी और तमिलनाडु को दिए गए हैं. उसका वो पूरी तरह से सम्मान करते हैं और स्वागत भी करते हैं. क्योंकि अक्सर वकील भूल जाते हैं कि वकीलों की ड्रेस सिर्फ कोर्ट परिसर में पहननी है, ना की किसी मार्केट में और ना ही किसी और पब्लिक प्लेस में. उन्होंने कहा कि एडवोकेट एक्ट कि यदि कोई उल्लंघन करता है. तो उसके ऊपर राज्य की बार काउंसिल कार्रवाई कर सकती है और उसके ऊपर बार काउंसिल ऑफ इंडिया जो कि एपलेट कोट है. वह अंतिम निर्णय लेती है. इसके तहत किसी भी वकील लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है.