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रोहतक में बार-बार आने वाले भूकंप की क्या है सच्चाई? जानें भूगर्भ वैज्ञानिक से

पंजाब यूनिवर्सिटी के भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. महेश ठाकुर ने बताया कि भूकंप आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन दिल्ली, हरिद्वार, राजस्थान से दिल्ली की ओर आ रही रिज इस समय भूकंप का मुख्य कारण हो सकती है.

know from the geology experts, why is Rohtak's earth shaking every day due to the earthquake
रोहतक में भूकंप के हल्के झटकों की क्या है सच्चाई?

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Published : Jun 30, 2020, 11:04 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 12:34 PM IST

चंडीगढ़:कोरोना महामारी के बीच देश कई प्राकृतिक आपदाओं को भी झेल रहा है. पिछले कई दिनों से रोहतक में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. बीते 10 दिनों में करीब 7 से 8 बार भूकंप आ चुका है. हालांकि इससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन जैसे लगातार कई दिनों से भूकंप आ रहा है, यह भी नहीं कहा जा सकता कि भविष्य में खतरा नहीं है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पंजाब यूनिवर्सिटी के भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. महेश ठाकुर से खास बातचीत की.

रोहतक में भूकंप के हल्के झटकों की क्या है सच्चाई? देखिए वीडियो

हमारी टीम ने डॉ. महेश ठाकुर से सवाल किया कि रोहतक में बार-बार भूकंप के झटके क्यों लग रहे हैं. भूकंप आने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं. इस पर डॉ. महेश ठाकुर ने बताया कि किसी भी जगह पर भूकंप आने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से सबसे सामान्य कारण है टेक्टोनिक प्लेट्स का आपस में टकराना. इसके अलावा भूजल स्तर का घटना या बढ़ना भी भूकंप का कारण बन सकता है.

दिल्ली एनसीआर से जुड़ा हुआ हरिद्वार-दिल्ली रिज

दिल्ली-हरिद्वार रिज की वजह से लग रहे हैं झटके

महेश ठाकुर ने बताया कि रोहतक में जो भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. वो दिल्ली-हरिद्वार रिज के कारण हो सकते हैं. क्योंकि दिल्ली, हरिद्वार, राजस्थान से दिल्ली की ओर आ रही रिज रोहतक के पास से गुजरती है. जिससे रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं.

'भविष्य में बड़े भूकंप का संकेत'

दिल्ली-हरिद्वार रिज एरिया में टेक्टोनिक प्लेटों के बीच हो रहे घर्षण से निकल रही ऊर्जा का दबाव काफी बढ़ रहा है. जिसके कारण दिल्ली-हरिद्वार रिज और हिमालयन प्लेट के साथ टकराने की संभावना बढ़ गई है. भविष्य में यह एक बड़े भूकंप का संकेत दे रही है. क्योंकि दिल्ली के चारों तरफ से इंडियन प्लेट में दरार हैं. किसी दरार में हलचल होती है तो उसका असर भूकंप के रूप में दिखता है. दिल्ली-हरिद्वार रिज इसे हिमालय से जोड़ता है. इसलिए हिमालय क्षेत्र में होने वाली हलचल का सीधा असर राजधानी पर पड़ता है. इसके अलावा दिल्ली सरगोधा रिज में भी भूकंप की प्रबल संभावनाएं हैं.

पिछले 10 दिनों में कई बार झटकों से हिला रोहतक

तारीख भूकंप तीव्रता (रिक्टर स्केल में)
24 जून 2.8
25 जून 2.2
26 जून 2.8
27 जून 2.8
27 जून 2.4
30 जून 2.4

आपको बता दें कि बुधवार को भी दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहरों में सुबह 7.59 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 थी. भूकंप का केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में था. बीते कुछ महीने से उत्तर भारत के कई शहरों में भूकंप के झटके लगातार महसूस किए जा रहे हैं.

भूकंप आने के कारण

  • जमीन के अंदर टेक्टोनिक प्लेट्स का आपस में टकराना.
  • भूजल स्तर का घटना या बढ़ना
  • ज्वालामुखी
  • पृथ्वी के भीतर गहरी मीथेन
  • भूस्खलन

भूकंप आने पर ऐसे करें बचाव

  • भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं.
  • आपदा किट बनाएं जिसमें रेडियो, मोबाइल, जरूरी कागजाजत, टार्च, माचिस, चप्पल, मोमबत्ती, कुछ पैसे और जरूरी दवाएं हों.
  • भूकंप आने पर बिजली और गैस बंद कर दें.
  • भूकंप अपने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें.
  • भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें.

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Last Updated : Jul 1, 2020, 12:34 PM IST

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