सोनीपत/दिल्ली: पहलवान सागर हत्याकांड में मुख्य आरोपी ओलंपिक विजेता सुशील कुमार को 23 मई को गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही थी. चलिए आपको ये समझाने की कोशिश करते हैं कि ओलंपिक विजेता सुशील कुमार आखिर 'हीरो से जीरो' कैसे बना?
पुलिस के मुताबिक 4 मई, 2021 को रात करीब एक-दो बजे दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार अपने कुछ साथियों के साथ मौजूद था. सागर और उसके कुछ दोस्तों को सुशील के साथी स्टेडियम लेकर पहुंचे. यहां सुशील कुमार और उसके साथियों ने सागर को बुरी तरह से पीटा और उसकी हत्या कर दी.
'सुशील नहीं चाहता था कि सागर आगे बढ़े'
पहलवान सागर के मामा आनंद धनखड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सुशील कुमार सागर को आगे बढ़ता नहीं देख पा रहा था. वो कहते हैं कि सागर के लिए सुशील कुमार रोड मॉडल था. वो सुशील की तरह ही देश के लिए मेडल लाना चाहता था, लेकिन सागर का सपना अब सपना ही रह गया है. सुशील कुमार ने सागर का बेहरमी से कत्ल किया है.
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क्या सागर की हत्या के पीछे ये थी वजह?
सागर के हत्या के पीछे एक और कहानी है. खबर है कि कुछ दिन पहले सागर से सुशील पहलवान का विवाद हो गया था. इस पर सुशील ने सागर को तुरंत अपना फ्लैट खाली करने के लिए कहा लेकिन सागर ने तुरंत फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया. इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी भी हुई जिसके बाद ये विवाद इतना बढ़ गया की बीती 4 मई को इस मामले को सुलझाने के लिए सागर और उसके दो साथियों को छत्रसाल स्टेडियम पर जबरन लाया गया, जहां सुशील कुछ अन्य पहलवानों के साथ मौजूद था और उनके पास दोनाली बंदूक भी थी.
आरोप है कि यहां पर सुशील और उसके साथियों ने सागर, अमित और सोनू को जमकर पीटा. पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो वहां से घायलों को छोड़कर सभी आरोपी फरार हो गए, लेकिन एक आरोपी प्रिंस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. जहां कुछ देर बाद सागर ने दम तोड़ दिया.