चंडीगढ़: देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि अध्यादेश को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. पंजाब और हरियाणा में बड़े स्तर पर कृषि के 3 अध्यादेशों का विरोध हो रहा है. पंजाब में बीजेपी के सहयोगी दल अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद हरियाणा में अलग तरह की राजनीति गठबंधन दलों के बीच देखने को मिलने लगी है.
लाठीचार्ज पर बीजेपी-जेजेपी में रार!
कुरुक्षेत्र के पीपली में कुछ किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले पर जननायक जनता पार्टी और बीजेपी अलग-अलग सुर अलापते हुए नजर आ रहे हैं. हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद कांग्रेसी नेताओं की तरफ से उठाए गए सवालों के पीछे हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी. इस बैठक में दावा किया गया था कि किसानों के लाठीचार्ज के मुद्दे पर दुष्यंत चौटाला ने चर्चा की है.
दावा किया जा रहा था कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मचारियों और आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की बात चल रही है. इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने इस मामले में कार्रवाई तक की बात की थी. मगर दूसरी तरफ हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की तरफ से लाठीचार्ज ना होने की बात पहले दिन से की जा रही है. जिसका समर्थन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी करते नजर आए और मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि लाठीचार्ज नहीं हुआ. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद दुष्यंत चौटाला लाठीचार्ज के मामले पर बन रही असमंजस की स्थिति पर चुप्पी साधते नजर आए.
किसानों पर नहीं हुआ लाठीचार्ज- बीजेपी
हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन सरकार के बीच किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर मतभेद नजर आने लगे हैं. इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला जहां किसानों पर हुए लाठीचार्ज को देवीलाल पर हुआ लाठीचार्ज बता चुके हैं. वहीं हरियाणा के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री साफ इंकार कर चुके हैं कि लाठीचार्ज नहीं हुआ है. हालांकि दिग्विजय चौटाला इससे पहले लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों से मुलाकात भी कर चुके हैं और लाठी चार्ज होने के दावे के साथ ही लाठी चार्ज करने वालों पर कार्रवाई की भी बात कह चुके हैं.