चंडीगढ़: हरियाणा में अध्यादेशों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने नजर आ रहे हैं. कुरुक्षेत्र के पिपली में हुए किसानों के प्रदर्शन और लाठीचार्ज के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर मुखर हो रहे हैं. कांग्रेसी नेता जहां गठबंधन सरकार पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेस समर्थित प्रदर्शन करार दिया है.
जेपी दलाल ने निशाना साधते हुए कहा कि गरीबों का नुकसान कांग्रेसी नेता करवाना चाहते हैं. उन्हें खुद आकर सड़कों पर बैठना चाहिए. आंदोलन में शामिल होना चाहिए और कोरोना का स्वाद चखना चाहिए, जबकि वो भोले भाले लोगों को आगे कर रहे हैं.
'कृषि अध्यादेशों के विरोध में जो प्रदर्शन हो रहे हैं वो कांग्रेस प्रायोजित हैं' 'कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है'
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा के किसान अध्यादेशों के पक्ष में हैं जबकि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा आंदोलन करवा रही है. जेपी दलाल ने कांग्रेस पर बिचौलियों की पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिचौलियों को संरक्षण देने वाली कांग्रेस किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है.
'प्रशासन ने संयम का परिचय दिया है'
कृषि मंत्री ने ये भी दावा किया कि किसानों ने इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया. केवल कांग्रेसी कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए. साथ ही उन्होंने प्रशासन को मुबारकबाद देते हुए कहा कि प्रशासन ने इसमें संयम का परिचय दिया है. जेपी दलाल ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस इसमें लड़ाई लड़ना चाहती है तो आमने सामने की लड़ाई लड़े. पर्दे के पीछे से किसानों को गुमराह करने का काम ना करे.
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गौरतलब है कि अध्यादेश को लेकर लंबे समय से विपक्ष सरकार पर हमलावर है. हरियाणा में कुछ किसान संगठनों की तरफ से ये पिपली में किसान रैली आयोजित की गई. जिसमें लाठीचार्ज भी देखने को मिला. इसके बाद किसान नेताओं की तरफ से कई जगह रैली स्थल के पास सड़कें जाम की गई.
विपक्षी दल के बड़े नेता सरकार को इस पूरे मुद्दे पर घेरने का काम कर रही है. वहीं सत्तापक्ष भी कांग्रेस पर सुनियोजित तरीके से किसानों के नाम पर आंदोलन करवाने का आरोप लगा रही है. आने वाले समय में अध्यादेश को लेकर शुरू हुई ये लड़ाई लंबी देखने को मिल सकती है.