चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने (farm laws repealed) के फैसले के बाद किसानों में हर्षोल्लास का माहौल है. वहीं राजनीतिक पार्टियों के नेता भी इस फैसले पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. सत्ता पक्ष के लोग जहां इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी इसे किसानों की जीत बता रहे हैं. इसी बीच हरियाणा में बीजेपी के सहयोगी दल जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला (Digvijay Chautala) ने भी तीन कृषि कानून वापस (Three Farm Laws withdrawal) लेने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है और इसे किसानों की जीत बताया है.
दिग्विजय चौटाला का कहना है कि प्रधानमंत्री के इस फैसले को वे किसान आंदोलन की सफलता के तौर पर देखते हैं. एक साल के संघर्ष के बाद आखिरकार किसानों की जीत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है जिसका हम स्वागत करते हैं. हम किसानों को भी सलाम करते हैं जिन्होंने 1 साल तक शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखा. इस दौरान कई शरारती तत्वों ने आंदोलन को खराब करने की कोशिश भी की और कई राजनीतिक पार्टियों ने आंदोलन को राजनीतिक रंग भी देना चाहा, लेकिन इसके बावजूद किसानों ने किसी की मंशा को पूरा नहीं होने दिया.
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उन्होंने कहा कि किसानों ने अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखा जिसकी बदौलत आज उनकी जीत हुई है. आज किसानों की चिंता दूर हो गई है इसलिए मैं अपने किसान भाई, बहनों और बुजुर्गों से यह अपील करता हूं कि जो लोग बॉर्डर पर बैठे हैं या अन्य जगहों पर बैठे हुए हैं वह सभी आंदोलन खत्म कर अपने-अपने घर जाएं. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हमारी पार्टी एमएसपी (law on MSP) की भी पूरी तरह से पक्षधर है. हम केंद्र सरकार से यह मांग करते हैं कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी के लिए भी निश्चित करें और देश में एमएससी कानून लेकर आए. हम चाहते हैं कि देश के हर किसान को एमएसपी मिले. गौरतलब है कि दिग्विजय चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई हैं.
बता दें कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस (Pm Modi On Farm Laws) लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि हम किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है.
तीन कृषि कानून क्या है, किसान क्यों कर रहे थे विरोध