चंडीगढ़ः इनेलो-जेजेपी गठबंधन पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया कि अजय चौटाला के फरलो के लिए अप्लाई किया गया है. फरलो मिलने के बाद प्रकाश सिंह बादल और ओम प्रकाश चौटाला जहां भी बुलाएंगे, अजय चौटाला वहां जाएंगे और बैठक में जो भी फैसला लिया जाएगा वो हमें मंजूर होगा. दुष्यंत ने कहा कि अंतिम फैसला अजय सिंह चौटाला पर है वो जो भी फैसला लेंगे हमें मान्य होगा.
'अजय चौटाला लेंगे अंतिम फैसला'
चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि संगठन के सभी पदाधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया गया है. हालांकि इसमें अलग-अलग मत पदाधिकारियों के रहे, लेकिन अंत में सभी ने फैसला अजय सिंह चौटाला पर छोड़ा है. इनेलो-जेजेपी गठबंधन को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने कभी भी पारिवारिक सामाजिक या राजनीतिक रिश्ते तोड़ने की बात नहीं कही. दुष्यंत ने कहा कि उन्हें ही पार्टी से बाहर निकाला गया था.
खाप नेता को लिखा पत्र
खापों की तरफ से जेजेपी और इनेलो को एकजुट करने के प्रयास पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम खाप का सम्मान करते हैं और उनके साथ लगातार बातचीत हुई है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अजय चौटाला की फरलो अप्लाई की गई है और जब वे आएंगे तब मुलाकात के बाद ही कोई फैसला सामने आएगा. उन्होंने कहा कि खाप नेता रमेश दलाल को पत्र लिखा है और उनके लिखे पत्र का जवाब दिया है.
इनेलो-जेजेपी गठबंधन पर जल्द लग सकती है मुहर! अलग-अलग होगा सम्मान समारोह
एक ओर जहां दुष्यंत इनेलो-जेजेपी गठबंधन पर सहमति जताते नजर आ रहे हैं तो वहीं चौधरी देवीलाल के जन्म दिवस पर 25 सितंबर को आयोजित होने वाले सम्मान समारोह को जेजेपी ने स्थगित कर दिया है. इनेलो जहां 25 सितंबर को सम्मान समारोह का आयोजन करेगी तो वहीं जेजेपी ये कार्यक्रम 22 सितंबर को मनाएगी. जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इनेलो को ये ना लगे की जेजेपी उनसे कोई मुकाबला कर रही है, इसलिए जेजेपी 22 सितंबर को रोहतक में सम्मान समारोह का आयोजन करेगी. दुष्यंत ने बताया कि ओम प्रकाश चौटाला और प्रकाश सिंह बादल को भी इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है.
दोनों पर टिकी लोगों की निगाहें
दरअसल, चौटाला परिवार पिछले कुछ दिनों से दो रास्तों पर निकला हुआ है. पहला है इनेलो का जिसके अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला है, लेकिन उनके जेल में होने की वजह से पार्टी की कमान ओमप्रकाश के छोटे बेटे अभय सिंह के हाथ में है, तो दूसरा है अजय सिंह के बेटे और हिसार से पूर्व सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला द्वारा बनाई गई जन नायक जनता पार्टी यानी जेजेपी. जेजेपी बनने से पहले ये सभी इनेलो में ही थे, इनेलो की अगुवाई जेल जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला करते थे. प्रदेश के लोगों की नजरें इस पर इसलिए है क्योंकि दोनों के रास्ते एक करने के लिए खाप पंचायतें मध्यस्थता के लिए आगे आई हैं. अगर ऐसा हो जाता है, तो हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के सियासी माहौल की ये बड़ी करवट होगी.
बिगाड़ सकते हैं BJP की जीत के समीकरण !
गौरतलब है कि इनेलो और जेजेपी अलग होने के बाद अभी तक इनेलो को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. वहीं दूसरी तरफ जेजेपी भी कोई बड़ी मजबूती नहीं दिखा पाई है. प्रदेश में बीजेपी अपने 75 पार के नारे को पूरा करने में जुटी है तो वहीं कांग्रेस अपनी गुटबाजी से ही बाहर नहीं निकल पा रही है. ऐसे में अगर ये दोनों दल एक साथ फिर आते हैं तो हरियाणा की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ ले लेगी.