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JBT शिक्षकों को हाईकोर्ट से मिली राहत, सरकार के FIR दर्ज करने के आदेश पर लगी रोक - जेबीटी भर्ती घोटाला हरियाणा

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (punjab haryana high court) ने उन 60 जेबीटी शिक्षकों (JBT scam) को बड़ी राहत दी है जिनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश थे. हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी है.

punjab haryana high court
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Published : Sep 7, 2021, 6:40 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा का जेबीटी भर्ती घोटाला (JBT fake degree scam) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाईकोर्ट ने उन 60 जेबीटी शिक्षकों को बड़ी राहत दी है जिनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश थे. हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी है. मामले में याची अरुण और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है और इसके आदेश भी जारी कर दिए थे. इस पर रोक लगाते हुए मामले की जांच करवाई जाए.

बता दें कि, मामला 2011 में हुड्डा सरकार में हुई जेबीटी भर्ती से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट में भर्ती से जुड़े दस्तावेजों की जांच करने का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा सत्र में मामले की निष्पक्ष जांच करवाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की बात कही थी. 2011 में भर्ती किए गए 9500 जेबीटी टीचर्स की जांच में 756 शिक्षकों की रिपोर्ट मौलिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई थी, जिनमें से 60 की रिपोर्ट संदिग्ध मिली.

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रिपोर्ट संदिग्ध मिलने के बाद मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया कि उन शिक्षकों के खिलाफ फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज करवाई जाए, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से अपील की है कि हरियाणा सरकार के आदेश पर रोक लगाई जाए. याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद मंगलवार को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस राज में साल 2011 में करीब 9500 जेबीटी की भर्ती हुई थी. भर्ती के कुछ समय बाद शिकायत दी गई कि नौकरी प्राप्त करने वाले कुछ उम्मीदवारों के पास एचटेट की फर्जी डिग्री है. इस शिकायत के बाद विभाग ने एचटेट अंगूठे के निशान व हस्ताक्षर का मिलान किया. इसमें 756 में से किसी के हस्ताक्षर तो किसी के अंगूठे के निशान नहीं मिले थे. इसके बाद उनके फिंगरप्रिंट व हस्ताक्षर के सैंपल मधुबन लैब से चैक करवाए गए. उसमें 60 की रिपोर्ट संदिग्ध मिली, जिनके खिलाफ शिक्षा विभाग ने फर्जीवाड़े के केस दर्ज करवाने के आदेश दिए थे.

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इसके अलावा 756 में से 25 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्होंने अभी तक अपने साइन व फिंगर प्रिंट का सैंपल विभाग को नहीं दिया है. इनके लिए विभाग ने एक बार और सुनवाई का मौका देते हुए 15 सितंबर को शिक्षा सदन में तलब किया है. अगर ये इस समय पर नहीं आते हैं तो इनको भी फर्जी मानते हुए आगामी कार्रवाई करने के आदेश हैं.

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