चंडीगढ़: हरियाणा में वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness certificates of vehicles in Haryana) का मुद्दा एक बार फिर से गरमाया हुआ है. परिवहन विभाग ने सेंटर पर वाहनों की फिटनेस का जिम्मा निजी कंपनी को दिया हुआ है. इसी को लेकर रोड सेफ्टी एक्सपर्ट और नेशनल रोड सेफ्टी काउंसिल के सदस्य डॉक्टर कमल सोई ने गंभीर आरोप लगाये हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कमल सोई ने कहा कि हरियाणा में वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए माफिया काम कर रहा है. जिनकी बदौलत वाहनों को बिना चेक किए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं. यह वाहन चलते फिरते ताबूत के समान हैं.
नेशनल रोड सेफ्टी काउंसिल के सदस्य कमल सोई ने कहा कि हरियाणा में बहुत से ऐसे सेंटर चल रहे हैं जो फर्जी तरीके से वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट दे रहे हैं. उनके पास न तो पर्याप्त मैन पावर है और ना ही वाहनों को जांच करने के लिए पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध है. इन चीजों की कमी के कारण सही तरीके से वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट चेकिंग नहीं की जा रही है. इसके लिए हमारी टीम ने हरियाणा के कई सेंटरों पर जाकर चेक सर्च ऑपरेशन भी किए थे.
हरियाणा में फिर गरमाया वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट का मुद्दा, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट डॉक्टर कमल सोई ने लगाए गंभीर आरोप सर्च ऑपरेशन में पाया गया कि हरियाणा में यह धांधली बड़े स्तर पर जारी है. एक फिटनेस सर्टिफिकेट को जारी करने का मतलब यह है कि आप एक वाहन को सड़क पर चलने की इजाजत दे रहे हो और अगर वह वाहन सड़क पर चलने के लायक नहीं है तो सैकड़ों लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है. हरियाणा में हर साल 6 हजार से 7 हजार लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. जिनमे से 40 फीसदी मामले में ऐसे वाहन होते हैं जो सड़कों पर चलने के लायक ही नहीं होते.
कमल सोई ने ये भी कहा कि इन निजी कंपनी को व्हीकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए लाइसेंस किसने दिया. एक वाहन को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 29 तरह के टेस्ट किए जाते हैं. जिसमें उसके इंजन, बॉडी, चेसिस और अन्य कई तरह के टेस्ट होते हैं. लेकिन इन फर्जी सेंटरों में केंद्र सरकार की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इन सेंटरों के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उन्होंने हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में अवगत करवाया है. जिसके बाद सरकार की ओर से उन्हें यह आश्वासन मिला है की सरकार इस तरह के काम करने वाले सेंटरों को बंद करवाएगी और व्हीकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को भी सही करेगी ताकि जो वाहन सही हो उसे ही सर्टिफिकेट जारी किया जाए.
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