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IPS अधिकारियों को काल्पनिक पदों पर नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार - आईपीएस वाई पूरन

IPS Officer Appointment: आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी कि प्रदेश के डीजीपी आईपीएस अधिकारियों को काल्पनिक पद दे रहे हैं. डीजी लॉ एंड ऑर्डर, डीजी एडमिनिस्ट्रेशन आदि पदों का कोई अस्तित्व ही नहीं है. इसलिए इन पदों को खत्म किया जाए. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की.

IPS Officer Appointment
IPS Officer Appointment

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 10, 2024, 10:15 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. दरअसल डीजीपी पर आरोप लगा था कि उन्होंने आईपीएस अधिकारियों को काल्पनिक पदों पर नियुक्ति देकर जनता के गाढ़े पसीने की कमाई लूटी है. इस बारे में गृह विभाग को शिकायत दी गई थी. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसी को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है.

हाई कोर्ट ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि अगर अगली सुनवाई तक कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें खुद कोर्ट में पेश होकर जवाब देना होगा. आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रदेश के डीजीपी आईपीएस अधिकारियों को काल्पनिक पद दे रहे हैं. डीजी लॉ एंड ऑर्डर, डीजी एडमिनिस्ट्रेशन आदि पदों का कोई अस्तित्व ही नहीं है.

इन पदों को सृजित करने के लिए सक्षम अधिकारियों से मंजूरी तक नहीं ली गई है. अधिकारियों को इन पदों पर नियुक्ति देकर इसकी एवज में सरकारी खजाने से भुगतान किया जाता है, जो राज्य के खजाने को नुकसान है. इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने राज्यपाल व राष्ट्रपति को भी शिकायत दी थी. राज्यपाल कार्यालय ने शिकायत को मुख्य सचिव को भेजते हुए कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की सिफारिश की थी.

इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है. याची ने हाई कोर्ट से अपील की थी कि 16 जून को सौंपी गई उसकी शिकायत पर कार्रवाई का आदेश जारी किया जाए और इन काल्पनिक पदों के माध्यम से जो सरकारी पैसा निकाला गया है, उसकी जांच करवाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही इन पदों के माध्यम से पैसा निकालने पर रोक लगाई जाए.

हाई कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में गृह विभाग को आदेश दिया था कि याची की सौंपी गई शिकायत पर दस सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए. अब अवमानना याचिका दाखिल करते हुए याची ने बताया कि आदेश के बावजूद इसका पालन नहीं किया गया. जस्टिस राजबीर सहरावत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एसीएस होम को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही ये स्पष्ट कर दिया है कि अगर अगली सुनवाई तक आदेश का पालन नहीं हुआ, तो प्रतिवादी अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को कोर्ट में स्वयं पेश होकर जवाब देना होगा.

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