चंडीगढ़: हर साल नौ दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. भ्रष्टाचार खत्म करने की शपथ ली जाती है. लेकिन आम आदमी को भ्रष्टाचार से कब मुक्ति मिलेगी ,ये कोई नहीं बता पता है. बात अगर हरियाणा में भ्रष्टाचार की जाए तो एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021- 2022 के बीच करप्शन के दर्ज मामलों में तीन गुना वृद्धि हुई है.
क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट ?: एनसीआरबी यानि National Crime Records Bureau की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021- 2022 के बीच हरियाणा में करप्शन के दर्ज मामलों में तीन गुना वृद्धि हुई है. 2021 में जहां भ्रष्टाचार के 79 मामले दर्ज हुए थे वहीं 2022 में इसकी संख्या बढ़ कर 246 हो गयी. जबकि इसी अवधि में हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में साल 2021 में भ्रष्टाचार के 162 मामले सामने आये थे जो बढ़कर 2022 में 227 हो गए. एक और पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में यह आंकड़ा समान अवधि में 42 से बढ़ कर 61 हो गया. आंकड़े बताते हैं कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में हरियाणा में भ्रष्टाचार का ज्यादा मामला सामने आया.
भ्रष्टाचार पर सीएम का क्या है कहना?: अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भ्रष्टाचार के मामले में बढ़ोतरी को गलत बताया. सीएम ने कहा कि पिछले नौ साल में हमने जितने कदम उठाये हैं उससे करप्शन में कमी आई है, लेकिन जितनी है वह न हो इसके लिए हम सबको प्रयत्न करना चाहिए. सीएम ने कहा कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. कोई भी चाहे अधिकारी हो या नेता हो या कर्मचारी हो जो भ्रष्टाचार करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने यह भी कहा कि केवल भाषण के जरिए नहीं बल्कि हमें मन से भ्रष्टाचार निकालने का संकल्प लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भ्रष्टाचार से अगर किसी का सबसे अधिक नुकसान होता है तो वह गरीब व्यक्ति का होता है.