चंडीगढ़/अलवर: 6 सितंबर 2019 को बहरोड़ थाने के लॉकअप में बंद हरियाणा के मोस्ट वांटेड अपराधी पपला गुर्जर उसके साथी थाने पर एके-47 जैसे हथियारों से फायरिंग करके भगा ले गए थे. इस मामले में अलवर राजस्थान पुलिस की पूरे देश में किरकिरी हुई. राजस्थान में पहली बार किसी थाने पर हमला करके बदमाश को भगाने का मामला सामने आया. इसमें कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी व इस मामले में राजस्थान स्पेशल टीम व राजस्थान पुलिस ने पपला गुर्जर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली.
पुलिस इस मामले में 34 बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पपला गुर्जर सहित उसके गैंग के कुल 35 बदमाश गिरफ्तार हो चुके हैं. पपला का राइट हैंड बलवीर 26 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. उससे पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिलीं, जिसके बाद पुलिस ने पपला गुर्जर पर शिकंजा कसना शुरू किया था. पपला गुर्जर को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. 5 सितंबर 2019 को रात 12 से 1 बजे के बीच में पुलिस ने पपला गुर्जर को हिरासत में लिया. बहरोड़ के कुख्यात बदमाश और गैंगस्टर विक्रम लादेन को मारने आया पपला गुर्जर पुलिस के हत्थे चढ़ा था. पुलिस ने उसकी कार से 31 लाख 90 हजार रुपए बरामद किए थे.
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पकड़े जाने के बाद बहरोड़ थाने के पुलिसकर्मियों ने पपला के गुर्गो से उसकी फोन पर बात कराई, जिसके बाद 6 सितंबर को काली सुबह आई और राजस्थान पुलिस के इतिहास में कालिख बन गई. 6 सितंबर को सुबह बहरोड़ थाने में 8 बजकर 30 बजे पपला गैंग के दो दर्जन बदमाशों ने थाने में घुसकर पपला गुर्जर के साथियों ने एके-47 से फायरिंग कर पपला गुर्जर को लॉकअप से छुड़ा लिया व लेकर फरार हो गए. राजस्थान पुलिस एसओजी एटीएस टीम लगातार इस मामले में जुटी हुई थी. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों की पुलिस ने छापेमारी की और पुलिस टीमें नेपाल बॉर्डर तक गईं, लेकिन पपला गुर्जर का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. पपला को पकड़ने के लिए एसओजी राजस्थान की टीम 1 साल में दो लाख किलोमीटर से अधिक दूरी घूम चुकी हैं, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली. डेढ़ साल बाद पुलिस ने 1,685 किलोमीटर दूर मुंबई के कोल्हापुर से अपला को गिरफ्तार किया.
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इस मामले में तत्कालीन बहरोड़ थाना अधिकारी सुगंध सिंह को निलंबित किया गया था. पपला गैंग से मिलीभगत के आरोप में बहरोड़ थाने के 2 हेड कांस्टेबल विजय पाल सिंह व रामावतार को नौकरी से बर्खास्त किया गया. पपला के फरार होने के बाद हेड कांस्टेबल विजय पाल सिंह व राम अवतार की मिलीभगत सामने आने पर बदमाशों को पुलिस से मिलीभगत की पोल खुली थी. इस घटना के बाद बहरोड थाने के 59 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया. पपला की कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद लगातार उस पर इनाम की राशि बढ़ाई गई. पुलिस ने पपला गुर्जर पर पांच लाख का इनाम घोषित किया. इससे पहले पपला गुर्जर 7 सितंबर 2017 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान अपने साथियों के साथ पुलिस पर फायरिंग करके फरार हो गया था. इस मामले में हरियाणा के चार पुलिसकर्मियों को गोली लगी थी. राजस्थान पुलिस के डीजीपी खुद मामले का जायजा लेने के लिए बहरोड़ आए और कई दिनों तक लगातार बहरोड़ में रहे. राजस्थान की कुख्यात बदमाश आनंदपाल के खिलाफ जब भाजपा सरकार ने ऑपरेशन चलाया तो बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और करोड़ों रुपए के संसाधनों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन पपला की तलाश में उल्टा पुलिस लाखों खर्च कर चुकी थी.
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